Muzaffarnagar रोहाना, जो देवबन्द सहारनपुर स्टेट हाइवे के किनारे स्थित एक शांतिपूर्ण गांव है, इन दिनों अज्ञात चोरों के हमलों से त्रस्त हो गया है। यहां के किसान पिछले कुछ दिनों से चोरी की बढ़ती घटनाओं से परेशान हैं, जिनमें चोरों ने उनके ट्यूबवेलों और ट्रांसफार्मरों से कीमती सामान चुराकर इलाके में सनसनी मचा दी है।
यह स्थिति अब गंभीर हो गई है, क्योंकि अब चोरों ने ट्रांसफॉर्मरों से भी कीमती तेल निकालने का सिलसिला शुरू कर दिया है, जो कि किसानों के लिए बड़ा आघात है। यह घटनाएँ रोहाना के किसान ऋषीराज त्यागी और उनके जैसे अन्य किसानों के लिए सिरदर्द बन गई हैं, जो पहले से ही अन्य मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
चोरी की घटनाएं और पुलिस की लापरवाही
गांव रोहाना कला में एक बार फिर चोरों ने अपना निशाना बनाया। किसान ऋषीराज त्यागी की ट्यूबवेल पर रखा ट्रांसफॉर्मर चोरी हो गया, जिससे पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। किसानों ने इकट्ठा होकर स्थानीय पुलिस को शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं। किसानों का आरोप है कि पिछले कुछ दिनों से चोरी की घटनाओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, लेकिन स्थानीय पुलिस चुप्पी साधे हुए है।
किसानों का कहना है कि उनका विश्वास अब पुलिस पर से उठ चुका है क्योंकि पहले भी कई घटनाएं घट चुकी हैं, लेकिन पुलिस इन मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाई है। हाल ही में गांव रोहाना कला में पिछले 15 दिनों में 3 ट्रांसफार्मर चोरी हो चुके हैं, जिससे गांव में भारी आक्रोश फैल गया है।
गांव में बढ़ते अपराध और पुलिस की नाकामी
गांव के अन्य किसानों ने भी आरोप लगाया है कि रात के समय यूपी 112 डायल पुलिस गश्त नहीं करती, जिसके कारण चोरों का मनोबल बढ़ता जा रहा है। किसान लगातार अपनी शिकायतें पुलिस थानों तक पहुंचाते रहे हैं, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात। अब चोरों ने ट्यूबवेलों से बिजली के सामान के अलावा ट्रांसफार्मरों से भी कीमती सामान चोरी करना शुरू कर दिया है।
किसानों का कहना है कि अगर जल्द ही पुलिस ने सख्त कदम नहीं उठाए तो उनकी आर्थिक स्थिति और बिगड़ सकती है। चोरी की घटनाओं ने न केवल गांव के किसानों को परेशान किया है, बल्कि उनके बीच असुरक्षा का माहौल भी पैदा कर दिया है।
स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल
गांव में बढ़ते अपराध को लेकर स्थानीय पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही के कारण चोरों को अंजाम देने में कोई रोक-टोक नहीं हो रही। इसके अलावा, पुलिस का यह भी कहना है कि चोर बहुत चतुराई से काम कर रहे हैं और उन्हें पकड़ पाना आसान नहीं है। लेकिन किसान मानते हैं कि अगर पुलिस सच में कड़ी मेहनत करती तो इन चोरों को जल्दी ही पकड़ा जा सकता था।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि अगर पुलिस ने समय रहते चोरों को पकड़ लिया होता तो शायद इतना बड़ा नुकसान न होता। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस किसी भी मामले को गंभीरता से नहीं लेती और उनकी शिकायतों को नजरअंदाज कर देती है।
चोरों का निशाना बनते ट्रांसफार्मर और किसान
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि आजकल चोर किसानों को भी अपनी चपेट में ले रहे हैं। जहां एक ओर किसान खेती-बाड़ी में व्यस्त रहते हैं, वहीं दूसरी ओर चोर उनके कीमती सामानों को निशाना बना रहे हैं। इस चोरी के कारण किसान न केवल आर्थिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि उनका मनोबल भी गिर रहा है।
चोरों के निशाने पर मुख्य रूप से ट्रांसफार्मर और ट्यूबवेल के मोटर, स्टार्टर्स और केबल्स आ रहे हैं। ये सारी चीजें किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती हैं और उनकी खेती की गुणवत्ता पर सीधा असर डालती हैं।
किसान अब क्या कदम उठाएंगे?
इस मामले को लेकर किसानों का गुस्सा चरम पर है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि वे इस मामले की जल्द से जल्द छानबीन करें और चोरों को गिरफ्तार कर उनके चोरी किए गए सामानों को बरामद करें। किसान संगठन भी इस मामले को लेकर पुलिस अधिकारियों से मिलने की योजना बना रहे हैं।
किसानों का कहना है कि यदि पुलिस ने उनकी शिकायतों को नजरअंदाज किया तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। वे चाहते हैं कि पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द अपराधियों को पकड़कर न्याय सुनिश्चित करें।
पुलिस ने शुरू की जांच
सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि वे मामले की पूरी जांच कर रहे हैं और जल्द ही चोरों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। साथ ही, पुलिस का कहना है कि उन्होंने चोरों को पकड़ने के लिए गश्त बढ़ा दी है और जल्द ही इस मामले में कोई ठोस कदम उठाया जाएगा।
रोज़गार संकट और बढ़ते अपराध
रोहाना जैसे छोटे गांवों में चोरों की इस तरह की वारदातें गंभीर चिंता का विषय बन चुकी हैं। इस क्षेत्र के किसान पहले से ही बढ़ती लागत, फसल की कमी और सरकारी नीतियों की वजह से संघर्ष कर रहे हैं। ऊपर से चोरी की घटनाओं ने उनके लिए नई परेशानियां खड़ी कर दी हैं।
अब देखना यह है कि क्या पुलिस समय रहते इन चोरों को पकड़ पाती है और किसानों को राहत मिल पाती है या फिर किसानों का गुस्सा और बढ़ता है और वे अन्य कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
किसानों के लिए यह स्थिति बहुत ही संवेदनशील है और अगर स्थानीय पुलिस ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो इसका खामियाजा क्षेत्र के किसानों को भुगतना पड़ सकता है। इस घटनाक्रम ने साफ-साफ यह दिखा दिया है कि ग्रामीण इलाकों में सुरक्षा की गंभीर आवश्यकता है। पुलिस को अपनी गश्त और जागरूकता बढ़ानी चाहिए ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके।