Muzaffarnagar मोरना क्षेत्र के गांव वजीराबाद में सोमवार की सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब ग्रामीणों को जानकारी मिली कि कब्रिस्तान और समीप स्थित पंचायत भूमि से दर्जनों पेड़ चोरी-छिपे काट लिए गए हैं।
यह घटना सिर्फ पर्यावरणीय क्षति नहीं है, बल्कि धार्मिक भावनाओं से जुड़े स्थान पर की गई इस हरकत ने पूरे समुदाय में रोष की लहर पैदा कर दी है। जैसे ही लोगों को पेड़ों की कटाई की सूचना मिली, देखते ही देखते कब्रिस्तान में ग्रामीणों की भारी भीड़ इकट्ठा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो उठा।

ग्रामीणों के अनुसार, यह illegal tree cutting पिछले कई दिनों से योजनाबद्ध तरीके से की गई है, और जब मामला सामने आया तो सभी ने मिलकर इसका कड़ा विरोध जताया।


ग्रामीणों के आरोप—कब्रिस्तान व पंचायत भूमि से नीम, बकैन, सागौन, सीमल और अमरूद के पेड़ साफ कर दिए गए

भोपा थाना क्षेत्र के गांव वजीराबाद में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के वासिल, आसिफ, नौशाद, साजिद, सलीम, मोमीन, इसरान, शब्बीर महताब, गुलफाम, गुड्डू, गुलशेर, आबिद, फरमान, रफीक, रईस, आसिफ शमशेर, सईद, दिला, शौकीन सहित कई ग्रामीण मौके पर पहुंचे और कटे हुए पेड़ों की तरफ इशारा करते हुए पूरी घटना की जानकारी दी।

ग्रामीणों ने बताया कि आरोपियों ने—

  • नीम

  • लिफ्टस

  • बकैन (बकैनिया)

  • सागौन (सागोन)

  • अमरूद

  • सीमल
    और अन्य कीमती पेड़ों की बड़ी संख्या रात के अंधेरे में काट डाली।

कब्रिस्तान की पवित्रता और पंचायत भूमि की वैधता को नजरअंदाज करते हुए इस illegal tree cutting ने पर्यावरणीय और सामाजिक स्तर पर गंभीर चिंता पैदा कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि पेड़ों की लकड़ी की कीमत लाखों रुपये तक हो सकती है, और यह कटान “पूरी तरह सुनियोजित चोरी” प्रतीत होती है।


कब्रिस्तान में भीड़, तनाव और पुलिस की एंट्री—ग्रामीणों ने की सख्त कार्रवाई की मांग

जैसे ही मामला फैला, वजीराबाद गांव में ग्रामीणों की बड़ी भीड़ कब्रिस्तान में जमा हो गई। लोगों ने कटे हुए पेड़ों के ठूंठ दिखाते हुए आरोप लगाया कि—
“यह सिर्फ चोरी नहीं है, बल्कि धार्मिक स्थल की पवित्रता पर हमला है।”

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति का जायजा लिया और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि मामले की पूरी जांच कर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों से शांत रहने की अपील की और कटे हुए स्थानों की वीडियोग्राफी एवं फोटो ली। प्रशासन ने कहा कि यदि लागों ने स्वयं पेड़ नहीं लगाए थे, तो उनकी कटाई स्पष्ट रूप से गैरकानूनी है और इस पर कठोर धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।


ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एडवोकेट सहदेव सिंह भी पहुंचे, पेड़ों की कटाई को बताया गंभीर अपराध

घटना की जानकारी मिलते ही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि एडवोकेट सहदेव सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि पंचायत भूमि और कब्रिस्तान पर किसी भी प्रकार की कटाई, बिक्री या कब्जा पूरी तरह गैरकानूनी है। उन्होंने पुलिस से त्वरित गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की।

सहदेव सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा—
“यह सिर्फ पेड़ काटने का मामला नहीं है, यह गांव की सामूहिक संपत्ति और धार्मिक भावना के विरुद्ध अपराध है। जिम्मेदार लोग जल्द पकड़े जाने चाहिए।”

उनकी उपस्थिति से ग्रामीणों में और उत्साह आया तथा सबने एक स्वर में न्याय की मांग की।


मुतवल्ली शब्बीरा ने तीन लोगों पर तहरीर दी—कब्रिस्तान कमेटी ने दर्ज कराई औपचारिक शिकायत

कब्रिस्तान की मुतवल्ली शब्बीरा ने गांव के तीन व्यक्तियों के खिलाफ तहरीर देकर न्याय की मांग की है।
उन्होंने बताया कि आरोपियों को कई बार चेतावनी दी गई थी कि कब्रिस्तान में किसी भी प्रकार की पेड़ों की कटाई नहीं की जा सकती, लेकिन इसके बावजूद चोरी-छिपे यह हरकत की गई।

शब्बीरा ने कहा—
“पेड़ों की कटाई सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह समुदाय की आस्था को चोट पहुंचाने वाली हरकत है। दोषियों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।”

कब्रिस्तान समिति ने अपनी ओर से पूरी घटनाक्रम का विवरण पुलिस को दे दिया है, जिसमें पेड़ों की अनुमानित संख्या, कटाई का समय और संभावित लाभान्वित व्यक्ति शामिल हैं।


ग्रामीणों में नाराजगी—‘धार्मिक स्थल पर इस तरह की चोरी बर्दाश्त नहीं’

कब्रिस्तान जैसे पवित्र स्थान पर पेड़ों की लापरवाही से कटाई ने क्षेत्र के मुस्लिम समुदाय में गहरा असंतोष पैदा किया है।
ग्रामीणों का कहना है कि—

  • कब्रिस्तान सिर्फ जमीन नहीं, भावनाओं का केंद्र है

  • पेड़ कटने से पर्यावरणीय नुकसान के साथ धार्मिक भावनाएं भी आहत हुई हैं

  • पंचायत भूमि की कटाई गांव की सामूहिक संपत्ति की चोरी है

  • यदि आरोपियों को तुरंत नहीं पकड़ा गया तो और तनाव बढ़ सकता है

कई ग्रामीणों ने कहा कि यह घटना किसी बड़े गिरोह की ओर भी इशारा कर सकती है जो लकड़ी की तस्करी में शामिल है, क्योंकि कटाई केवल छोटे पेड़ों की नहीं बल्कि बड़े और महंगे पेड़ों की की गई है।


illegal tree cutting मामले पर आगे क्या? पुलिस कार्रवाई और ग्रामीणों की उम्मीदें

पुलिस ने आश्वासन दिया है कि तहरीर के आधार पर जांच गहराई से की जाएगी और संबंधित धाराओं में मामला दर्ज होगा।
स्थानीय प्रशासन भी इस घटना को गंभीरता से ले रहा है, क्योंकि यह सिर्फ पर्यावरणीय अपराध नहीं बल्कि धार्मिक और सामुदायिक स्तर पर असंवेदनशील कृत्य है।

अगले कुछ दिनों में—

  • आरोपियों की गिरफ्तारी

  • लकड़ी की बरामदगी

  • पंचायत भूमि का सत्यापन

  • कब्रिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था
    पर कार्रवाई की संभावना है।

यदि जांच में और नाम सामने आते हैं, तो मामला और बड़ा हो सकता है।


वजीराबाद गांव में हुए इस illegal tree cutting प्रकरण ने पूरे क्षेत्र में चिंता और गुस्से का माहौल बना दिया है। कब्रिस्तान और पंचायत भूमि से कीमती पेड़ों की कटाई न सिर्फ धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाती है, बल्कि गांव की सामूहिक संपत्ति को नुकसान पहुँचाने का गंभीर अपराध भी है। पुलिस जांच आगे बढ़ रही है और ग्रामीणों को उम्मीद है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न कर सके।

 



Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अभी अभी की खबरें