उत्तर प्रदेश के Muzaffarnagar जिले में कांवड़ यात्रा 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। हर साल लाखों शिवभक्तों की आस्था और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन इस बार किसी भी तरह की ढिलाई के मूड में नहीं है। प्रमुख सचिव एवं आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश प्रयागराज के निर्देशों के अनुपालन में जिलाधिकारी एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुजफ्फरनगर ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित देशी, विदेशी शराब, बीयर और मॉडल शॉप्स से संबंधित अनुज्ञापियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य एक ही था—कांवड़ यात्रा के दौरान शांति, सुरक्षा और धार्मिक भावनाओं का सम्मान बनाए रखना। इस बार की कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन ने मदिरा व्यापारियों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। एक के बाद एक आदेशों की झड़ी लगाकर स्पष्ट कर दिया गया है कि इस पवित्र यात्रा के मार्ग पर अशांति या विवाद की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी।
🟠 क्या हैं आबकारी विभाग द्वारा जारी किए गए मुख्य दिशा-निर्देश?
सभी शराब दुकानों को तिरपाल या पर्दे से ढकना अनिवार्य:
कांवड़ यात्रा मार्ग पर आने वाली देशी शराब, विदेशी मदिरा, बीयर की फुटकर दुकानें एवं मॉडल शॉप्स को 09 जुलाई 2025 तक हर हालत में तिरपाल या पर्दों से ढकवाया जाना होगा, ताकि शिवभक्तों की भावनाओं को ठेस न पहुंचे।
मॉडल शॉप्स की कैंटीन रहेगी बंद:
सभी देशी शराब और मॉडल शॉप्स पर संचालित कैंटीन 10 जुलाई 2025 से कांवड़ यात्रा समाप्ति तक पूर्णतः बंद रहेगी। कैंटीनों में बैठकर शराब पीने की गतिविधि पर पूर्ण रोक रहेगी।
CCTV कैमरे रहेंगे एक्टिव:
हर दुकान पर लगे CCTV कैमरे अनिवार्य रूप से चालू हालत में होने चाहिए। किसी भी अव्यवस्था या आपराधिक घटना की निगरानी के लिए यह जरूरी है।
सफाई व्यवस्था पर रहेगा विशेष ध्यान:
शराब दुकानों के आस-पास स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए, ताकि कोई गंदगी या कूड़ा-कचरा शिवभक्तों के रास्ते में न हो।
रेट लिस्ट और टोल फ्री नंबर प्रदर्शित करना अनिवार्य:
हर दुकान पर रेट लिस्ट, टोल फ्री नंबर 14405 और व्हाट्सएप नंबर 9454466019 को स्पष्ट और पठनीय तरीके से प्रदर्शित किया जाए।
साइन बोर्ड भी होंगे ढंके:
कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर लगे सभी साइन बोर्ड को भी ढका जाना होगा, ताकि श्रद्धालुओं को असहजता महसूस न हो।
दुकानों पर भीड़ नहीं जुटेगी:
किसी भी शराब दुकान के पास भीड़ इकट्ठी नहीं होनी चाहिए, न ही कोई व्यक्ति खुलेआम शराब पीते हुए पाया जाए। इसके लिए दुकानदारों को विशेष रूप से सतर्क रहने को कहा गया है।
अनुज्ञापियों को दी गई चेतावनी:
हर अनुज्ञापी से यह अपेक्षा की गई है कि वह स्वतंत्र रूप से यह सुनिश्चित करें कि उनकी दुकान से कांवड़ यात्रियों को कोई असुविधा न हो। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
🟢 कांवड़ यात्रा 2025: शिवभक्तों की आस्था बनाम शराब व्यापारियों की जिम्मेदारी
हर साल सावन माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की सबसे बड़ी धार्मिक यात्राओं में से एक मानी जाती है। इस दौरान लाखों शिवभक्त गंगाजल लेने हरिद्वार, ऋषिकेश, गंगोत्री जैसे तीर्थ स्थलों की ओर कांवड़ लेकर पैदल निकलते हैं। ये श्रद्धालु दिन-रात चलकर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं, और रास्ते में उन्हें किसी भी प्रकार की अशांति, शोर-शराबा या नशाखोरी से गहरा विरोध होता है।
यही कारण है कि प्रशासन ने इस बार कांवड़ यात्रा को लेकर अभूतपूर्व तैयारियों और सख्त दिशानिर्देशों का सहारा लिया है। शराब दुकानों को लेकर यह फैसला एक तरह से श्रद्धालुओं की भावनाओं को प्राथमिकता देने की ओर स्पष्ट संकेत है।
🟣 प्रशासन की तैयारी: सुरक्षा के साथ-साथ व्यवस्था भी दुरुस्त
सिर्फ शराब दुकानों पर ही नहीं, बल्कि पूरे कांवड़ मार्ग पर सीसीटीवी निगरानी, मेडिकल कैंप, पुलिस पेट्रोलिंग, और वॉच टावर की व्यवस्था की जा रही है। इस बार प्रशासन हर स्तर पर कमर कस चुका है ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो और शिवभक्तों की यात्रा पूर्ण सुरक्षा व श्रद्धा के साथ सम्पन्न हो सके।
🔵 शराब व्यापारियों की ओर से भी मिली सहमति
बैठक में उपस्थित अधिकांश अनुज्ञापियों ने प्रशासन की बातों से सहमति जताई और पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया। कुछ व्यापारियों ने बताया कि वह स्वयं कांवड़ियों को जलपान और छाया की सुविधा उपलब्ध कराते हैं। उनका मानना है कि यह यात्रा धार्मिक सौहार्द और मानवीयता का उदाहरण है, और उसमें बाधा डालना किसी भी सूरत में उचित नहीं।
⚫ पुलिस और प्रशासन का सख्त संदेश: नियम तोड़े तो लाइसेंस रद्द होगा
प्रशासन ने साफ कर दिया है कि जो भी दुकानदार निर्देशों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जरूरत पड़ने पर दुकान का लाइसेंस निलंबित या रद्द भी किया जा सकता है। इसके लिए स्थानीय आबकारी निरीक्षक और पुलिस अधिकारी लगातार निगरानी रखेंगे।
🟤 अन्य जिलों को भी मिला संदेश: सभी जिलों में हो रही तैयारी
मुजफ्फरनगर की यह बैठक पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिलों के लिए उदाहरण बन सकती है। मेरठ, बागपत, सहारनपुर, हरिद्वार और बिजनौर जैसे जिलों में भी कांवड़ मार्ग के किनारे स्थित शराब दुकानों को लेकर ऐसे ही आदेश जारी होने की संभावना है। यह समन्वयात्मक प्रयास प्रशासन के जीरो टॉलरेंस अप्रोच को दर्शाता है।
🟡 कांवड़ यात्रा का महत्व और प्रशासन की प्राथमिकता
कांवड़ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक एकता और अनुशासन का पर्व बन चुकी है। इसमें लाखों लोगों की सहभागिता होती है और इसी कारण, प्रशासन को इसकी तैयारियों में किसी भी तरह की चूक की गुंजाइश नहीं रखनी चाहिए। इस दिशा में आबकारी विभाग की पहल सराहनीय और अनुकरणीय मानी जा रही है।
कांवड़ यात्रा 2025 के दृष्टिगत मुजफ्फरनगर प्रशासन ने जो निर्देश जारी किए हैं, वे न केवल धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करते हैं बल्कि समाज में अनुशासन और मर्यादा को भी प्राथमिकता देते हैं। ऐसे आदेशों से न केवल कांवड़ यात्रा सफल होगी, बल्कि आमजन का भरोसा भी प्रशासन पर और अधिक मजबूत होगा।