मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) शामली जिले में अवैध कॉलोनी बनाने वालों के खिलाफ मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की। मंडल आयुक्त महोदय सहारनपुर मण्डल की प्रेरणा और श्रीमती कविता मीना, उपाध्यक्ष मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण (MDA) के आदेशानुसार प्राधिकरण की टीम ने शामली में फैली लगभग 72 बीघा ज़मीन पर अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त कर दिया।
📍 कौन-कौन थे ज़िम्मेदार?
इस बड़ी कार्रवाई में कई भूमि मालिकों व प्लॉटिंगकर्ताओं के नाम सामने आए हैं जिन्होंने प्राधिकरण से स्वीकृति लिए बिना कॉलोनियों का निर्माण शुरू कर दिया था।
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हसीन पुत्र फैय्याज, शकूर पुत्र बुद्धू, मौलाना अय्यूब – सती मंदिर के पास, मौहल्ला पंसारियान, जिला शामली में लगभग 10 बीघा ज़मीन पर अवैध निर्माण।
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पुष्पा पुत्री स्व. बदलू, राजेन्द्र व वीरेन्द्र पुत्रगण श्री विशम्बर, सविता पत्नी प्रमोद, मीरा पुत्री श्याम प्रकाश – खसरा नं०-687, 688, 689 झिंझाना रोड से बरखण्डी को जाने वाले मार्ग पर, लगभग 25 बीघा ज़मीन पर।
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संजीव कश्यप – सती मंदिर से मेडिकल रोड की ओर, मौहल्ला पंसारियान, 11 बीघा ज़मीन।
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प्रशांत व शमीम अहमद – खसरा नंबर 691, 2613, 10 बीघा ज़मीन।
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चन्द्रवीर वर्मा – अन्य क्षेत्र में 16 बीघा ज़मीन।
🚧 पहले से थे जारी नोटिस, अब चला बुलडोजर
प्राधिकरण द्वारा पहले ही इन भू-स्वामियों व प्लॉटिंगकर्ताओं को नोटिस जारी किए गए थे। बावजूद इसके अवैध निर्माण नहीं हटाया गया, जिसके चलते प्राधिकरण ने कड़ी कार्रवाई करते हुए ध्वस्तीकरण का आदेश पारित किया।
करीब 72 बीघा भूमि पर विकसित अवैध कॉलोनियों को पूरी तरह से तोड़ दिया गया, जिससे माफियाओं के मंसूबों पर पानी फिर गया।
🛑 बिना स्वीकृत मानचित्र, बिना अनुमोदन की जा रही थी अवैध प्लॉटिंग
यह कार्रवाई दर्शाती है कि किस प्रकार बिना टाउन प्लानिंग स्वीकृति, बिना NOC और विकास शुल्क का भुगतान किए बगैर कॉलोनियां विकसित की जा रही थीं। इससे सिर्फ शहर की संरचना पर असर नहीं पड़ता, बल्कि आम नागरिकों को भविष्य में जल निकासी, सड़कों और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ता।
💥 बुलडोजर चलाने पहुंचे इंजीनियर व पुलिस बल
इस पूरी ध्वस्तीकरण प्रक्रिया के दौरान प्राधिकरण के सहायक अभियंता, अवर अभियंता सहित पूरी तकनीकी टीम मौजूद रही। साथ ही स्थानीय थाना पुलिस बल को भी मौके पर तैनात किया गया ताकि किसी प्रकार की विरोध या झड़प की स्थिति से निपटा जा सके।
⚠️ माफियाओं पर लगातार बढ़ रही है सख्ती
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुपालन में अवैध कॉलोनियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। खासकर शामली, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में जमीन माफियाओं की सक्रियता को देखते हुए प्राधिकरण सख्त हो चुका है।
📣 लोगों से की गई अपील: सावधानी से करें प्लॉट की खरीद
प्राधिकरण ने आम जनता को भी आगाह किया है कि वे कोई भी प्लॉट खरीदने से पहले यह सुनिश्चित करें कि कॉलोनी विधिवत स्वीकृत है या नहीं।
अगर कोई अवैध कॉलोनी में प्लॉट लेता है तो भविष्य में उसे भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है, क्योंकि ऐसी कॉलोनियों में न तो कोई मूलभूत सुविधा मिलती है, और न ही किसी प्रकार की कानूनी सुरक्षा।
🏗️ अब हर ज़िले में बनेगी निगरानी समिति
शासन के आदेश पर हर जिले में अब अवैध कॉलोनी रोकने हेतु निगरानी समितियाँ गठित की जा रही हैं। ये समितियाँ रजिस्ट्रार कार्यालय, स्थानीय निकाय व प्राधिकरण के साथ समन्वय बनाकर काम करेंगी।
📌 अवैध कॉलोनियों की पहचान के लिए सैटेलाइट इमेज व ड्रोन का इस्तेमाल
अब प्राधिकरण आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर सैटेलाइट इमेजिंग व ड्रोन सर्वे के माध्यम से इन अवैध कॉलोनियों की पहचान करेगा। इससे जमीन की सही स्थिति, नक्शा अनुमोदन, सड़क चौड़ाई, पार्किंग, जल निकासी, जल संयोजन जैसी सभी बिंदुओं पर निगरानी आसान हो जाएगी।
🧾 क्या कहता है उत्तर प्रदेश अप्रमाणित कॉलोनी अधिनियम?
“उत्तर प्रदेश अनाधिकृत विकास और निर्माण नियंत्रण अधिनियम 2021” के तहत कोई भी भू-स्वामी, प्लॉटिंगकर्ता या डेवलपर बिना सक्षम प्राधिकरण की अनुमति के कॉलोनी विकसित नहीं कर सकता। उल्लंघन की स्थिति में अभियोजन, चालानी कार्रवाई और ध्वस्तीकरण जैसी सजा का प्रावधान है।
🗣️ क्या कहती है जनता?
कुछ स्थानीय निवासियों ने कार्रवाई को सराहा है और कहा कि इससे अनुशासन की पुनर्स्थापना होगी और शहर का नियोजित विकास होगा। हालांकि कुछ प्लॉट धारकों ने चिंता जताई है, जिन्होंने बिना जानकारी के जमीन खरीदी थी। प्रशासन ने ऐसे मामलों में कानूनी सहायता की पेशकश की है।
⚡ आगे भी जारी रहेगा बुलडोजर एक्शन
प्राधिकरण के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्पष्ट संकेत दिया है कि यह सिर्फ शुरुआत है। आगे भी यदि कोई व्यक्ति या समूह बिना स्वीकृति के कॉलोनी विकसित करता है, तो उसके खिलाफ बुलडोजर एक्शन अनिवार्य रूप से किया जाएगा।
मुज़फ्फरनगर विकास प्राधिकरण द्वारा की गई यह कार्रवाई अन्य ज़िलों के लिए एक चेतावनी है कि अब अवैध निर्माण और प्लॉटिंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नियोजित विकास की दिशा में यह कदम बेहद अहम है और इससे आने वाले समय में प्रदेश में शहरी विकास की गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।