Muzaffarnagar/शाहपुर थाना पुलिस ने एक बेहद साहसिक और जोखिम भरी कार्रवाई में जिले के ग्रामीण इलाके में चल रही एक बड़ी अवैध शस्त्र निर्माण फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। इस छापेमारी में पुलिस ने दो शातिर अभियुक्तों को उनके घर से ही धर दबोचा और भारी मात्रा में तैयार व अधबने अवैध शस्त्रों के साथ-साथ हथियार बनाने के सारे उपकरण भी जब्त किए हैं। यह कार्रवाई अपराध की दुनिया में एक बड़ा झटका मानी जा रही है और पुलिस की सूचना तंत्र तथा कार्यक्षमता की बड़ी सफलता है।

एक सुनियोजित ऑपरेशन की कहानी

मेरठ जोन के अपर पुलिस महानिदेशक और सहारनपुर परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक के विशेष निर्देशों के बाद इस मामले में दबिश देने का फैसला लिया गया। इस पूरे ऑपरेशन की कमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा के कुशल पर्यवेक्षण में थी, जबकि मैदानी स्तर पर पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) श्री आदित्य बंसल, क्षेत्राधिकारी बुढाना और थानाध्यक्ष शाहपुर श्री मोहित चौधरी की अगुवाई में एक विशेष टीम ने इस जोखिम भरे काम को अंजाम दिया।

रातों-रात चलता था अवैध शस्त्रों का कारोबार

पुलिस को एक विश्वसनीय सूचना के आधार पर यह जानकारी मिली थी कि ग्राम बरवाला जाने वाले रास्ते पर स्थित एक आवासीय घर के अंदर ही एक गुप्त अवैध शस्त्र फैक्ट्री चलाई जा रही है, जहाँ बड़े पैमाने पर नकली पिस्तौल और बंदूकें बनाई और बेची जा रही थीं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस टीम तुरंत सतर्क हो गई और मुखबिर द्वारा बताए गए स्थान की ओर रवाना हो गई।

पुलिस ने घेराबंदी कर दबोचे आरोपी

टीम ने बिना कोई शोर मचाए और पूरी सतर्कता के साथ उस संदिग्ध घर को चारों ओर से घेर लिया। अभियुक्तों को भागने का मौका दिए बिना, पुलिस टीम ने अंदर प्रवेश किया और दोनों आरोपियों को उसी वक्त रंगेहाथों पकड़ लिया, जब वे अवैध हथियार बनाने में व्यस्त थे। मौके की तफ्तीश में घर के अंदर ही हथियार बनाने का एक पूरा कारखाना स्थापित पाया गया।

क्या-क्या बरामद हुआ? हथियारों का अंबार!

पुलिस द्वारा की गई तलाशी में जो कुछ बरामद हुआ, वह हैरान कर देने वाला था और यह साबित करता है कि यह कोई छोटा-मोटा धंधा नहीं, बल्कि एक बड़ा और संगठित अवैध शस्त्र व्यवसाय था। बरामदगी की सूची देखकर पुलिस अधिकारी भी दंग रह गए।

बरामदगी में शामिल है:

  • 16 तैयार पिस्तौल ( .315 बोर)

  • 01 तैयार पिस्तौल (12 बोर)

  • 02 मस्कट (12 बोर)

  • 01 बंदूक (12 बोर)

  • 01 अधबना पिस्तौल (12 बोर)

  • 16 छोटी-बड़ी नाल (.315 बोर)

  • 08 छोटी-बड़ी नाल (12 बोर)

  • 19 लोहे की पिस्तौल की बॉडी

  • 01 12 बोर कारतूस का खोखा

  • 01 जिंदा कारतूस (.315 बोर)

  • 01 मोटरसाइकिल (स्प्लेंडर प्लस, यूपी 12 एवाई 7652)

हथियार बनाने के औजारों का पूरा जखीरा

इसके अलावा, पुलिस ने वे सभी मशीनें और उपकरण भी जब्त किए जिनका इस्तेमाल इन अवैध हथियारों को बनाने के लिए किया जा रहा था। इनमें शामिल हैं: 50 लोहे की कील, 01 हथौड़ा, 09 पत्ती कटर, 01 गुनिया, 04 पोलिश व्हील के पत्ते, 01 प्लास, 02 पेचकस, 02 छोटी-बड़ी रेती, 01 लोहा काटने की छोटी आरी, 01 पाइप रिंच, 72 वेल्डिंग रॉड, 02 लकड़ी के फट्टे, 02 छोटी-बड़ी ग्राइंडर मशीन (मोटर सहित), 01 लोहे का शिकंजा, 01 ड्रिल मशीन, 01 वेल्डिंग मशीन और 10 मीटर केबल।

अवैध शस्त्रों के पार्ट्स भी मिले

कार्यवाही में अवैध शस्त्रों के कलपुर्जों का एक बड़ा भंडार भी पुलिस के हाथ लगा, जिससे पता चलता है कि यह गिरोह लंबे समय से और बड़े पैमाने पर काम कर रहा था। इनमें 12 छोटी-बड़ी लोहे की पत्तियां, 62 छोटी-बड़ी स्प्रिंग, 18 छोटी-बड़ी फायरिंग पिन, 15 छोटे-बड़े बरमा, 16 छोटी-बड़ी रिपीट, 06 गुलेल, और 17 हैमर व ट्रिगर शामिल हैं।

आरोपियों ने खुलेआम कबूला अपना जुर्म

गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान आसिफ (पिता अदालत), निवासी ग्राम शेरपुर थाना कोतवाली नगर, और मदनपाल (पिता बारू सिंह), निवासी ग्राम बरवाला थाना शाहपुर के रूप में हुई है। प्रारंभिक पूछताछ के दौरान दोनों आरोपियों ने अपने जुर्म को खुलेआम स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि वे लंबे समय से इस घर में अवैध शस्त्र बनाने का कारोबार चला रहे थे। तैयार हथियारों को वे ऊंचे दामों पर अंधेरे बाजार में बेच देते थे और होने वाले मुनाफे को आपस में बांट लेते थे। उन्होंने यह भी कबूला कि उनके पास और भी कई तैयार हथियारों का ऑर्डर था, जिन्हें वे पूरा करने की प्रक्रिया में थे कि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

पुलिस टीम को मिला इनाम

इस सफल और साहसिक कार्यवाही के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री संजय कुमार वर्मा ने थाना शाहपुर की पूरी पुलिस टीम की सराहना की है। उनकी इस उपलब्धि के लिए टीम को 20,000 रुपये के नकद पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है। इस ऑपरेशन में शामिल मुख्य सदस्यों में थानाध्यक्ष श्री मोहित चौधरी, उपनिरीक्षक श्री विकास चौधरी, प्रवीन कुमार शर्मा, मोहित कुमार, हेड कांस्टेबल प्रेमचंद शर्मा, कांस्टेबल शिवम, कर्मवीर सिंह, अरुण कुमार, इकराम अली, मोहित कुमार, दीपक कुमार, रविंद्र सिंह और अनुपम शामिल रहे।

अब आगे क्या? चल रही है कानूनी कार्रवाई

अभियुक्तों के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्यवाही जारी है। पुलिस इस बात की भी छानबीन कर रही है कि इन अवैध हथियारों की आपूर्ति किन-किन इलाकों में और किन गिरोहों को की जा रही थी। इसके साथ ही, इन आरोपियों के पूरे नेटवर्क को उजागर करने की कोशिश की जा रही है ताकि इस अवैध व्यवसाय की जड़ों तक पहुंचा जा सके। यह मामला पुलिस और प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है, जिसमें और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।

यह कार्रवाई पुलिस की उस प्रतिबद्धता को दर्शाती है जहाँ आम जनता की सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे अवैध धंधों पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। इस तरह के ऑपरेशन से न केवल अपराधियों के मनोबल को ठेस पहुंचती है बल्कि समाज में सुरक्षा की भावना भी मजबूत होती है। पुलिस का यह साहसिक कदम निश्चित तौर पर अन्य कानून विरोधी तत्वों के लिए एक चेतावनी है।

 



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