शाहपुर। Muzaffarnagar  जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए उन चोरों के गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है, जो मोबाइल टावर और अन्य जगहों से तांबे के तार व उपकरण चोरी कर इलाके में दहशत फैला रहे थे। थानाध्यक्ष मोहित चौधरी की अगुवाई में गठित टीम ने मात्र कुछ ही दिनों में मामले का खुलासा करते हुए चार शातिर चोरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।


कैसे हुआ चोरी का खुलासा?

10 अगस्त को जियो टावर, कसेरवा से तांबे का तार काटकर चोरी कर लिया गया था। इस मामले में वादी ने थाना शाहपुर पर मुकदमा दर्ज कराया था। इससे दो दिन पहले, 8 अगस्त को भी एटीएस कंपनी के टावर से एक राउटर चोरी हुआ था। इन लगातार हो रही घटनाओं से टेलीकॉम कंपनियों में भी हड़कंप मच गया था।

वरिष्ठ अधिकारियों—अपर पुलिस महानिदेशक मेरठ जोन, पुलिस उपमहानिरीक्षक सहारनपुर परिक्षेत्र और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा—के सख्त निर्देश पर विशेष टीम बनाई गई। उपनिरीक्षक प्रवीण कुमार शर्मा और उनकी टीम ने जमीनी स्तर पर काम करते हुए आरोपियों तक पहुंच बनाई और आखिरकार कसेरवा नहर पुलिया से चारों चोरों को दबोच लिया।


गिरफ्तार आरोपियों के नाम और ठिकाने

  1. प्रदीप उर्फ छोटू, पुत्र तेजपाल, निवासी ग्राम होशियारपुरी, थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर

  2. विपिन, पुत्र किरणपाल, निवासी ग्राम होशियारपुरी, थाना कोतवाली नगर

  3. अमन, पुत्र सहेंद्र, निवासी ग्राम होशियारपुरी, थाना कोतवाली नगर

  4. संदीप, पुत्र स्व. चारणपाल, निवासी आबकारी रोड, थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर

पुलिस ने इन आरोपियों के कब्जे से लगभग 5 मीटर तांबे का तार और 6000 रुपये नकद बरामद किए। पूछताछ में आरोपियों ने टावर से तार काटकर बेचने और उससे पैसा कमाने की बात स्वीकार की।


मोबाइल टावर पर लगातार बढ़ रहे हमले

यह कोई पहली घटना नहीं है जब मोबाइल टावरों को निशाना बनाया गया हो। तांबे का तार महंगा होने और उसकी मांग ज्यादा रहने के कारण चोर अक्सर टावरों पर धावा बोल देते हैं। चोरी के कारण कई बार टावर का नेटवर्क ठप हो जाता है, जिससे हजारों उपभोक्ताओं को परेशानी होती है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि तांबे के तार की चोरी का एक बड़ा अवैध नेटवर्क है। कबाड़ी और स्क्रैप कारोबारी इन तारों को ऊंचे दामों में खरीदते हैं। यही वजह है कि छोटे-छोटे अपराधी भी अब इस धंधे में उतरने लगे हैं।


पुलिस अधिकारियों ने क्या कहा?

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा ने स्पष्ट कहा कि इस तरह की घटनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने थाना स्तर पर गश्त बढ़ाने और मोबाइल टावरों पर विशेष निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।

थानाध्यक्ष मोहित चौधरी ने बताया कि टीम ने दिन-रात मेहनत करके मामले का खुलासा किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है और संभावना है कि इनके तार जिले के अन्य चोरी के मामलों से भी जुड़े हो सकते हैं।


तांबे की चोरी: एक बढ़ती समस्या

देशभर में तांबे की चोरी लगातार बढ़ रही है। रेलवे की लाइनों से लेकर मोबाइल टावर और बिजली की तारों तक—हर जगह चोर सक्रिय हैं। तांबे की अंतरराष्ट्रीय बाजार में ऊंची कीमत होने के चलते इसकी तस्करी तक होने लगी है।

मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और मेरठ जैसे इलाकों में पिछले कुछ सालों में तांबे के तार चोरी की कई बड़ी घटनाएं सामने आ चुकी हैं। पुलिस के अनुसार, ऐसे मामलों में अपराधी अक्सर स्थानीय होते हैं और इलाके की अच्छी जानकारी रखते हैं।


स्थानीय लोगों में राहत

शाहपुर पुलिस की इस सफलता से स्थानीय लोगों और कंपनियों ने राहत की सांस ली है। जियो और एटीएस जैसी कंपनियों को लगातार हो रही चोरी से बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा था। अब उम्मीद है कि अपराधियों के जेल जाने के बाद ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

गांव के लोगों ने भी शाहपुर पुलिस की प्रशंसा की और कहा कि त्वरित कार्रवाई से अपराधियों में खौफ पैदा होगा।


आगे की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेजने की प्रक्रिया पूरी की गई। अब पुलिस की जांच इस बात पर भी केंद्रित है कि चोरी का तार और सामान किन कबाड़ियों को बेचा जाता था और इस नेटवर्क में कितने लोग शामिल हैं।


शाहपुर पुलिस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि अपराध कितना भी संगठित क्यों न हो, कानून से बचना असंभव है। चारों आरोपियों की गिरफ्तारी न केवल चोरी की घटनाओं पर अंकुश लगाएगी, बल्कि अन्य अपराधियों के लिए भी एक कड़ा संदेश है कि अपराध कर बचना अब नामुमकिन है।

 



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