मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar) उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के शाहदरा बांगर में आयोजित धर्म जागरण सभा में रविवार को बड़ी संख्या में स्थानीय हिंदू समाज के लोग एकत्र हुए। इस कार्यक्रम का आयोजन हिंदू समाज की धार्मिक जागरूकता और उनके पूजा-पाठ के महत्व को समझाने के उद्देश्य से किया गया था। सभा के मुख्य वक्ता स्वामी यशवीर महाराज पीठाधीश्वर योग साधना यशवीर आश्रम बघरा थे, जिन्होंने इस सभा में आए हिंदुओं को संबोधित करते हुए कहा कि अब समय आ गया है जब हिंदू समाज को अपनी धार्मिक पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए सजग होना होगा।

उन्होंने हिंदू त्योहारों की पवित्रता पर मंडरा रहे खतरों की ओर इशारा करते हुए बताया कि वर्तमान में कुछ कट्टरपंथी तत्व, हिंदू पूजा सामग्री में थूक, मूत्र और अन्य अपवित्र पदार्थ मिलाने का षड्यंत्र रच रहे हैं। इससे न केवल पूजा सामग्री की पवित्रता खतरे में पड़ जाती है, बल्कि हिंदू समाज की आस्था पर भी कुठाराघात होता है। स्वामी यशवीर महाराज ने सभा में मौजूद हर हिंदू से अपील की कि वह ऐसे षड्यंत्रों को पहचाने और किसी भी त्यौहार पर इन तत्वों द्वारा बेचे गए पूजा सामग्री का उपयोग न करें। उन्होंने विशेष तौर पर दीपावली का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदू समाज को जिहादी मानसिकता वाले लोगों से पूजा सामग्री नहीं खरीदनी चाहिए, क्योंकि वे इसका दुरुपयोग कर सकते हैं।

सभा में पास हुए महत्वपूर्ण प्रस्ताव

धर्म जागरण सभा में तीन प्रमुख प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित किया गया, जिनका उद्देश्य हिंदू त्योहारों और उनकी परंपराओं की पवित्रता की रक्षा करना है।

  1. प्रामाणिकता की गारंटी: पहला प्रस्ताव यह था कि शुक्रताल कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान मेले में जो भी दुकानदार खाद्य पदार्थ और पूजा सामग्री की दुकान लगाए, वह अपना असली नाम और पहचान स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करे। साथ ही, अपनी पहचान का प्रमाण, जैसे आधार कार्ड, अपने पास रखे। इस कदम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी प्रकार का धोखा न हो और हिंदू समाज को कोई हानि न पहुंचे।
  2. पूजा सामग्री का संरक्षण: दूसरा प्रस्ताव यह है कि मेला स्थल पर केवल हिंदू समुदाय के लोगों को ही पूजा सामग्री बेचने का अधिकार होगा। यदि कोई अन्य समुदाय का व्यक्ति हिंदू पूजा सामग्री बेचते हुए पाया जाता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाकर उसे मेले से बाहर कर दिया जाएगा। यह नियम इस बात की गारंटी देता है कि कोई भी अपवित्र तत्व पूजा सामग्री में न मिलाया जा सके।
  3. मेले में कर समाप्त करने की मांग: तीसरा प्रस्ताव प्रशासन से था, जिसमें यह अपील की गई थी कि मेले में जाने वाले हिंदुओं से कोई कर नहीं लिया जाए। यह हिंदू समाज के आर्थिक बोझ को कम करने का एक प्रयास है, जिससे अधिक से अधिक लोग पवित्र स्नान और पूजा में हिस्सा ले सकें।

स्वामी यशवीर महाराज का आह्वान: ‘जागो हिंदू!’

सभा में स्वामी यशवीर महाराज ने हिंदू समाज से यह संकल्प लेने को कहा कि दीपावली के अवसर पर वे किसी भी प्रकार की पूजा सामग्री उन जिहादी तत्वों से नहीं खरीदेंगे, जो हिंदू धर्म के त्योहारों को दूषित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने हिंदू समाज को केवल मंदिर में पूजा करने की सलाह दी और मजारों की पूजा न करने का आग्रह किया।

उन्होंने यह भी कहा कि समय आ गया है जब हर हिंदू को अपने धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूक होना चाहिए। उन्होंने सभी से अपील की कि इस दिवाली पर हिंदू समाज एकजुट होकर धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन करे और अपनी धार्मिक आस्था का खुलकर प्रदर्शन करे।

युवाओं का धर्मरक्षा में योगदान जरूरी

सभा को ब्रह्मचारी मृगेन्द्र ने भी संबोधित किया और हिंदू युवाओं से धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश और धर्म की रक्षा की जिम्मेदारी युवाओं के कंधों पर है। उन्होंने युवाओं को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि वे समय रहते सजग नहीं हुए, तो यह समय सनातन धर्म के अस्तित्व के लिए गंभीर संकट का कारण बन सकता है।

उन्होंने युवाओं को अपने इतिहास और धर्म के प्रति जागरूक होने का संदेश देते हुए कहा कि हिंदू युवा अपने धार्मिक ज्ञान को बढ़ाएं और अपने धर्म की रक्षा के लिए तत्पर रहें। सभा में उपस्थित युवाओं ने जोरदार समर्थन के साथ मृगेन्द्र के इस आह्वान का जवाब दिया और धर्म के लिए समर्पण की भावना व्यक्त की।

धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए आवश्यक कदम

सभा के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संकल्प लिया कि वे सनातन धर्म और उसकी परंपराओं की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। सभा का संचालन सुमित बजरंगी ने किया, जबकि अध्यक्षता स्वामी सुंदर गिरी जी महाराज ने की। सभा में निखिल, मोहित, रामकुमार, गुड्डू, अनुज, मिंटू, अक्षय, आदित्य, नीशू, प्रियाशु पाल सहित कई प्रमुख व्यक्तित्व उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में हिंदू समाज के लोगों ने हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए संगठित होकर कार्य करने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि धार्मिक त्योहारों और परंपराओं को दूषित करने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए वे सजग रहेंगे।

धर्म जागरण सभा का महत्त्व और असर

इस सभा का उद्देश्य न केवल हिंदू समाज को एकजुट करना था, बल्कि उन पर हो रहे सांस्कृतिक आक्रमणों के प्रति जागरूकता फैलाना भी था। पिछले कुछ समय से समाज में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पूजा सामग्री में अपवित्र तत्व मिलाए जाने की घटनाएं सामने आई हैं। सभा के आयोजकों का मानना है कि इन समस्याओं का समाधान तभी हो सकता है जब हिंदू समाज एकजुट होकर अपनी संस्कृति और धार्मिक मान्यताओं की रक्षा के लिए खड़ा हो।

सभा में उठाए गए मुद्दों और प्रस्तावों का उद्देश्य हिंदू समाज के आर्थिक, सांस्कृतिक और धार्मिक शुद्धता की रक्षा करना है। समाज के लिए यह एक संदेश था कि अब समय आ गया है कि वे अपने धार्मिक पहचान को बनाए रखें और अपनी संस्कृति की रक्षा करें।


इस तरह की सभाओं से हिंदू समाज में एकता, साहस और जागरूकता का संदेश जाता है। ऐसी बैठकें यह सिद्ध करती हैं कि हिंदू समाज न केवल अपने त्योहारों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है बल्कि उसकी रक्षा के लिए दृढ़ संकल्प भी लेता है।

धर्म जागरण सभा ने मुजफ्फरनगर के हिंदू समाज को जागरूक करने का काम किया है, और यह निश्चित ही आने वाले समय में समाज को एक नई दिशा देने का काम करेगा।



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