Muzaffarnagar में Samadhan Diwas एक बार फिर प्रशासनिक सख्ती और जवाबदेही का मंच बना। सहारनपुर मंडलायुक्त डॉ. रूपेश कुमार की अध्यक्षता में तहसील सदर के सभागार में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में जनसमस्याओं की लंबी फेहरिस्त सामने आई।
इस अवसर पर आम नागरिकों ने बिजली, सिंचाई, राशन कार्ड, भूमि विवाद, नगर पालिका, नगर पंचायत, राजस्व, श्रम विभाग, पेंशन, सड़क और अन्य मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें सीधे अधिकारियों के समक्ष रखीं।
मंडलायुक्त ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप समाधान दिवस केवल सुनवाई नहीं, बल्कि समाधान का दिन है, और इसमें किसी भी प्रकार की औपचारिकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विद्युत, राशन, भूमि विवाद से लेकर सड़क तक—शिकायतों की भरमार
Samadhan Diwas Muzaffarnagar में प्राप्त शिकायतों का दायरा व्यापक रहा।
मुख्य रूप से जिन मुद्दों पर लोगों ने आवाज उठाई, उनमें—
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बिजली आपूर्ति और बिल संबंधी समस्याएं
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सिंचाई विभाग से जुड़ी नहर और जल आपूर्ति शिकायतें
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राशन कार्ड में नाम जोड़ने व कटने के मामले
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भूमि विवाद और राजस्व अभिलेखों की त्रुटियां
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नगर पालिका व नगर पंचायत की सफाई और जल निकासी
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श्रम विभाग और पेंशन से संबंधित लंबित प्रकरण
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जर्जर सड़कों और अधूरे निर्माण कार्य
जैसी समस्याएं प्रमुख रहीं। शिकायतकर्ताओं ने उम्मीद जताई कि मंडल स्तर पर सुनवाई होने से अब उन्हें वास्तविक राहत मिलेगी।
शिकायती रजिस्टर का निरीक्षण, फोन पर लिया गया सीधा फीडबैक
मंडलायुक्त डॉ. रूपेश कुमार ने समाधान दिवस को केवल औपचारिक बैठक न बनने देते हुए शिकायती रजिस्टर का गहन निरीक्षण किया।
उन्होंने शिकायतकर्ता अमरपाल, नीत, रामधल सहित कई लोगों से फोन पर सीधी बातचीत कर यह जानने का प्रयास किया कि पहले की शिकायतों पर उन्हें कितनी संतुष्टि मिली।
इस दौरान उन्होंने मौके पर मौजूद अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कई शिकायतों का तत्काल निस्तारण भी कराया। यह संदेश साफ था कि शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही प्रशासन की असली परीक्षा है।
मौके पर जाकर निस्तारण के निर्देश, कागजी कार्रवाई पर ब्रेक
Samadhan Diwas Muzaffarnagar में मंडलायुक्त ने सभी विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि—
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शिकायतों का निस्तारण केवल फाइलों में न किया जाए
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अधिकारी स्वयं मौके पर जाकर स्थिति का आकलन करें
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शिकायतकर्ता से प्रत्यक्ष संवाद कर उसकी संतुष्टि सुनिश्चित करें
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यदि कोई शिकायत नियमों के तहत निस्तारित नहीं हो सकती, तो उसकी स्पष्ट जानकारी शिकायतकर्ता को दी जाए
उन्होंने कहा कि बिना मौके पर जाए निस्तारण दर्शाना गंभीर लापरवाही मानी जाएगी।
एक सप्ताह की डेडलाइन, लापरवाही पर कार्रवाई तय
मंडलायुक्त ने दो टूक शब्दों में कहा कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में प्राप्त सभी शिकायतों का एक सप्ताह के भीतर गुणवत्तापूर्ण और संतोषजनक निस्तारण अनिवार्य है।
उन्होंने चेतावनी दी कि—
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किसी भी स्तर पर शिथिलता
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लंबित मामलों को टालने की प्रवृत्ति
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या भ्रामक रिपोर्ट
पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी।
यह निर्देश प्रशासनिक अमले के लिए साफ संकेत था कि अब जवाबदेही तय की जाएगी।
IGRS शिकायतों पर विशेष सख्ती, गुणवत्ता पर जोर
Samadhan Diwas Muzaffarnagar के दौरान मंडलायुक्त ने आईजीआरएस (जनसुनवाई पोर्टल) पर प्राप्त शिकायतों को लेकर भी गंभीर निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि—
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शिकायत को कंप्यूटर पर अपलोड करने से पहले अधिकारी उसे ध्यानपूर्वक पढ़ें
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वास्तविक समस्या को समझे बिना रिपोर्ट न लगाई जाए
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समय सीमा के भीतर समाधान सुनिश्चित किया जाए
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि आईजीआरएस पर किसी शिकायत का निस्तारण लापरवाही से किया गया या वह अनावश्यक रूप से पेंडिंग पाई गई, तो संबंधित के खिलाफ कार्रवाई तय है।
कुल 62 शिकायतें, 5 का मौके पर निस्तारण
इस समाधान दिवस में कुल 62 शिकायतें दर्ज की गईं।
इनमें से 05 शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण करा दिया गया, जबकि शेष शिकायतों को संबंधित विभागीय अधिकारियों को संदर्भित करते हुए निर्देश दिए गए कि—
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पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ मौके पर जाकर कार्रवाई करें
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शिकायतकर्ता से समाधान के बाद फीडबैक लें
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कार्रवाई की फोटो रिपोर्ट भी संलग्न करें
यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करने के लिए की गई कि समाधान केवल कागजों तक सीमित न रहे।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी से बढ़ी बैठक की गंभीरता
Samadhan Diwas Muzaffarnagar में प्रशासनिक स्तर पर व्यापक भागीदारी देखने को मिली।
इस अवसर पर—
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अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) संजय कुमार सिंह
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नगर में स्टेट पंकज राठौर
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उप जिलाधिकारी सदर प्रवीण कुमार द्विवेदी
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तहसीलदार सदर राधेश्याम
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क्षेत्राधिकारी सदर डॉ. रवि शंकर
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नायब तहसीलदार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी
मौजूद रहे। वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति से समाधान दिवस की गंभीरता और प्रभाव दोनों बढ़े।
जनता में बढ़ी उम्मीद, प्रशासनिक जवाबदेही पर निगाहें
मंडलायुक्त के सख्त तेवरों के बाद समाधान दिवस में आए शिकायतकर्ताओं में उम्मीद की नई किरण दिखी। लोगों का मानना है कि यदि दिए गए निर्देशों का ईमानदारी से पालन हुआ, तो लंबे समय से लंबित समस्याओं को वास्तविक समाधान मिल सकता है।
Samadhan Diwas Muzaffarnagar अब केवल एक प्रशासनिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि जनता और शासन के बीच भरोसे की कड़ी बनता नजर आ रहा है।
तहसील सदर में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस ने यह स्पष्ट कर दिया कि अब शिकायतों को केवल दर्ज करना ही नहीं, बल्कि उनका वास्तविक और समयबद्ध समाधान प्रशासन की प्राथमिकता है। मंडलायुक्त डॉ. रूपेश कुमार के सख्त निर्देशों के बाद संबंधित विभागों पर जिम्मेदारी और दबाव दोनों बढ़ गया है। आने वाले दिनों में यह देखा जाएगा कि समाधान दिवस की यह सख्ती ज़मीनी स्तर पर कितनी असरदार साबित होती है।
