मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) 19वीं जयन्ति पर आयोजित विचार गोष्ठी में पूर्व कैबिनेट मंत्री स्व. विद्याभूषण को हरदिल अजीज और विकास पुरूष के रूप में याद किया गया। यह कार्यक्रम रैनबो विहार कोठी नं. 1 में आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता ईदरीश प्रमुख ने की और संचालन का कार्य कांग्रेसी नेता सतीश शर्मा ने किया।
कार्यक्रम के दौरान सभी उपस्थित लोगों ने स्व. विद्याभूषण के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि स्व. विद्याभूषण का योगदान समाज और राजनीति में अनमोल है। उन्होंने 1973 से 1977 तक नगरपालिका चेयरमैन के रूप में सेवा की और 1980 में नगर विधायक के रूप में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।
विकास की यात्रा
विद्याभूषण का जीवन विकास के अनेक पहलुओं को समेटे हुए था। उन्होंने अपने कार्यकाल में अनेक महत्वपूर्ण परियोजनाओं को लागू किया, जो आज भी लोगों के जीवन में सुधार लाने में सहायक हैं। झांसी रानी पार्क, जो मुजफ्फरनगर की पहचान बना, स्व. विद्याभूषण की दूरदर्शिता का प्रमाण है। उनके कार्यों ने नगर की सामाजिक और आर्थिक संरचना को मजबूत किया।
हरीश भूषण, जो भारतीय किसान यूनियन भानू के प्रदेश महासचिव और सहारनपुर मंडल प्रभारी हैं, ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि पूर्व पालिकाध्यक्ष पंकज अग्रवाल ने नगरपालिका द्वार को विद्याभूषण स्मृति द्वार के नाम से बनाने की घोषणा की थी। यह घोषणा स्व. विद्याभूषण के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
महान नेताओं का योगदान
स्व. विद्याभूषण जैसे महान नेता समाज में हमेशा याद किए जाते हैं। उनके कार्यों ने न केवल उनकी पार्टी को मजबूत किया, बल्कि समाज के गरीब और वंचित वर्गों के लिए भी अवसरों का सृजन किया। ऐसे नेता आम लोगों के बीच विश्वास का निर्माण करते हैं और उनकी जरूरतों को समझते हैं।
समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों ने इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। सांसद हरेन्द्र मलिक, पूर्व पालिकाध्यक्ष पंकज अग्रवाल, हरीश भूषण, पंडित सतीश शर्मा, श्याम सिंह राठौर, और अन्य नेताओं ने स्व. विद्याभूषण के योगदान को याद किया और उनकी प्रेरणा को आने वाली पीढ़ियों के लिए महत्वपूर्ण बताया।
राजनीतिक संस्कृति और सामाजिक दायित्व
स्व. विद्याभूषण का जीवन हमें यह सिखाता है कि राजनीति केवल सत्ता में रहने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाने का एक महत्वपूर्ण जरिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल में सामाजिक न्याय, विकास, और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया।
उनकी सोच और कार्यों ने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद की। ऐसे नेताओं की कमी आज की राजनीति में महसूस होती है। इसलिए, हमें उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाने की जरूरत है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी उनके रास्ते पर चल सकें।
स्व. विद्याभूषण की 19वीं जयन्ति पर आयोजित यह विचार गोष्ठी केवल एक श्रद्धांजलि नहीं थी, बल्कि यह उनके कार्यों और विचारों को जीवित रखने का एक प्रयास था। उनकी उपलब्धियाँ और योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बने रहेंगे। ऐसे महान नेताओं की याद और उनके कार्यों को आगे बढ़ाना हम सबका कर्तव्य है।
इस विचार गोष्ठी ने हमें यह संदेश दिया कि सच्चे नेता वही होते हैं, जो समाज के प्रति अपने दायित्व को निभाते हैं और लोगों के बीच एक सशक्त पहचान बनाते हैं।