Muzaffarnagar(Morana-Kakroli): उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में सड़क हादसों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। विशेषकर गन्ने से लदी ओवरलोडेड ट्रैक्टर-ट्रॉलियां मौत का खुला निमंत्रण दे रही हैं। आए दिन इन भारी वाहनों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं, जिनमें दर्जनों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

मोरना और ककरौली क्षेत्र में हालात बेहद चिंताजनक हैं। प्रशासन की ढील और यातायात विभाग की निष्क्रियता से सड़क पर बेकाबू होकर चल रहे ये ओवरलोड वाहन बेखौफ दौड़ रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ, दोपहिया वाहन चालकों पर पुलिस की सख्ती चरम पर है, लेकिन इन भारी वाहनों के खिलाफ कार्रवाई नगण्य है।

🚜 ओवरलोड गन्ना ट्रॉलियां: हादसों का खुला न्योता!

गन्ने की कटाई और चीनी मिलों में ढुलाई के इस सीजन में ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का सड़कों पर आतंक चरम पर है। ये वाहन इतनी बुरी तरह लदे होते हैं कि जरा-सी असंतुलन पर पलट जाते हैं या फिर सड़क पर चलते वाहनों को अपनी चपेट में ले लेते हैं।

  • हाल ही में मोरना-ककरौली मार्ग पर एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर-ट्रॉली ने बाइक सवार दो युवकों को कुचल दिया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
  • बीते महीने ऐसे ही हादसों में कम से कम 6 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें अधिकतर दोपहिया वाहन सवार थे।
  • ओवरलोड वाहनों की अनियंत्रित स्पीड और ट्रैक्टर चालकों की लापरवाही के कारण राहगीर दहशत में हैं।

👮 प्रशासन की ढील और यातायात सुरक्षा पर सवाल!

ओवरलोडिंग को रोकने के लिए प्रशासन और यातायात विभाग के पास तमाम नियम-कानून हैं, लेकिन उनकी जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।

  • दोपहिया वाहन चालकों के लिए चालान, हेलमेट चेकिंग और स्पीड रडार जैसी सख्त कार्रवाई की जाती है, लेकिन ओवरलोड वाहनों को लगभग पूरी छूट मिली हुई है।
  • वाहन चेकिंग के नाम पर सिर्फ छोटे वाहन चालकों को परेशान किया जाता है, लेकिन ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
  • स्थानीय लोगों की शिकायतों के बावजूद प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।

⚠️ मौत का सफर: सड़क पर चलते वक्त सतर्क रहें!

इन ओवरलोड वाहनों के कारण सड़कों पर यात्रा करना बेहद खतरनाक हो गया है। खराब ब्रेक सिस्टम, तेज रफ्तार और अनियंत्रित चालकों की लापरवाही से दुर्घटनाएं और बढ़ती जा रही हैं।

  • बिना बैक लाइट और इंडिकेटर के चलते ये वाहन रात में और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं।
  • अनफिट और बिना लाइसेंस वाले ट्रैक्टर चालकों की भरमार है, जो सड़कों पर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
  • ओवरलोडिंग के कारण ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ जाता है और वे किसी भी समय पलट सकते हैं।

🚨 प्रशासन कब देगा ध्यान?

अब सवाल यह उठता है कि क्या प्रशासन तब जागेगा जब और भी ज्यादा मासूम लोगों की जान चली जाएगी?

  • यातायात विभाग को चाहिए कि ओवरलोड ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे और इनके लिए भी वही नियम लागू करे, जो अन्य वाहनों के लिए हैं।
  • ओवरलोडिंग को रोकने के लिए स्थायी चेकिंग प्वाइंट बनाए जाएं और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई हो।
  • ट्रैक्टर चालकों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जाए, ताकि वे सुरक्षित तरीके से वाहन चला सकें।
  • रात के समय ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर लाइट्स और इंडिकेटर लगाना अनिवार्य किया जाए।

🚀 निष्कर्ष (अंत में उठते सवाल!)

मुजफ्फरनगर में ओवरलोड गन्ना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है। अगर प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो सड़कें ऐसे ही मासूम लोगों के खून से लाल होती रहेंगी।

👉 अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब तक अपनी आंखें मूंदे रहेगा? और क्या सड़क पर सफर करने वालों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे?



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