मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News)। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक पिता श्री प्रजापिता ब्रह्मा बाबा का ५५ वा पुण्य स्मृति दिवस ब्रह्मकुमारी के बामनहेरी सेवा केंद्र पर मनाया गया।कार्यक्रम में केशवपुरी सेवा केंद्र इंचार्ज राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी ने बताया कि प्रजापिता ब्रह्मा बाबा ने हमें अपने जीवन से यह सिखाया कि हम साधारण रहते हुए भी असाधारण कैसे बन सकते हैं।

उनकी सुबह से लेकर रात तक की दिनचर्या एक आदर्श, महान,और दिव्य व्यक्तित्व की निशानी थी। ब्रह्मा बाबा सब के बीच रहते हुए भी सदा अव्यक्त, विदेही तथा उपराम रहते थे। ब्रह्मा बाबा कम बोलो,धीरे बोलो,मीठा बोलो की मिसाल थे। ब्रह्मा बाबा ने हमें सिखाया कि सुख-दुख में भी सदा एक समान, एक रस अवस्था को कैसे बनाएं रख सकते हैं। बाबा का रहन-सहन, खान पान जितना साधारण था उतना ही रॉयल भी था।

ब्रह्मा बाबा के संपर्क में आने वाली प्रत्येक आत्मा को दिव्यता और महानता की अनुभूति होती थी। किसी में कितने भी अवगुण हो लेकिन बाबा सदा सभी में सद्गुण ही देखते थे। उनके विचार इतने पवित्र थे कि सदा हर एक आत्मा के प्रति शुभभावना,शुभकामना, रहम भाव, कल्याण का भाव रखते हुए सदा श्रेष्ठ महान चिंतन में ही रहते थे।
नई दुनिया की स्थापना के कार्य में युग पुरुष की भूमिका निभाने और परमात्मा का संदेश वाहक बनने के बाद भी बाबा खुद को निमित्त मात्र मानते थे।

इतना विशाल व्यक्तित्व होने के बाद भी उन्हें कभी भी अभिमान नहीं रहा। उन्होंने कभी भी स्त्री पुरुष,अमीर गरीब, छोटा बड़ा किसी में भेद नहीं किया हमेशा सभी को आगे बढ़ाया।
कार्यक्रम में रिया,गीता,अंजू बहन,वरुण अनिल वर्मा तथा मीडिया प्रभारी केतन कर्णवाल आदि उपस्थित रहे।

 



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