Muzaffarnagar/Budhana में बुधवार सुबह एक बड़ा हादसा हुआ, जब मिट्टी से लदा एक भारी-भरकम ट्रक हिंडन नदी के पुल की रेलिंग तोड़ते हुए सीधे नदी में जा गिरा। यह हादसा सुबह करीब 6 बजे हुआ, जब ट्रक पंजाब के लुधियाना से मुरादाबाद जा रहा था। इस भीषण दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि दो को गंभीर हालत में बचा लिया गया।
हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस हरकत में आई। बुढ़ाना थाने की पुलिस और सीओ गजेंद्र पाल सिंह मौके पर पहुंचे और राहत कार्य शुरू किया। हाइड्रा क्रेन और स्थानीय निवासियों की मदद से ट्रक में फंसे लोगों को बाहर निकाला गया। लेकिन तब तक दो की जान जा चुकी थी।
कैसे हुआ हादसा? चालक और बचे लोगों की जुबानी
घटना का मुख्य कारण ट्रक का तकनीकी खराबी बताया जा रहा है। ट्रक चालक छोटेलाल के साथी अजय ने बताया कि, “हम पंजाब के लुधियाना से मुरादाबाद मिट्टी लेकर जा रहे थे। जैसे ही हम हिंडन नदी के पुल पर पहुंचे, ट्रक का कमानी पट्टा (लीफ स्प्रिंग) टूट गया। इससे ट्रक बेकाबू हो गया और सीधे नदी में जा गिरा। हादसे में हमने दो साथियों को खो दिया।”
ट्रक में सवार चार लोग मुरादाबाद के रहने वाले थे:
- मृतक:
- छोटेलाल (चालक), निवासी ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद
- नील, निवासी नवाबपुरा, मुरादाबाद
- घायल:
- अजय, निवासी नवाबपुरा, मुरादाबाद
- जावेद (ट्रक मालिक), निवासी ठाकुरद्वारा, मुरादाबाद
पुलिस और स्थानीय लोगों ने निभाई अहम भूमिका
घटना की सूचना मिलते ही बुढ़ाना थाने की पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। स्थानीय लोग भी तुरंत राहत और बचाव कार्य में जुट गए। हाइड्रा क्रेन की मदद से ट्रक को धीरे-धीरे बाहर निकाला गया।
सीओ गजेंद्र पाल सिंह ने मीडिया को बताया, “हमें सुबह सूचना मिली थी कि मिट्टी से लदा एक ट्रक हिंडन नदी में गिर गया है। हमारी टीम ने मौके पर पहुंचकर ट्रक में फंसे चार लोगों को बाहर निकाला। इनमें से दो को अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया, जबकि दो का इलाज जारी है। घटना की पूरी जांच की जा रही है।”
पुल की कमजोर स्थिति पर सवाल
इस घटना ने हिंडन नदी के पुल की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल की रेलिंग बहुत कमजोर हो चुकी है और इस पर पहले भी हादसे हो चुके हैं। इसके अलावा, रात के समय पुल पर रोशनी का कोई इंतजाम नहीं है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है।
स्थानीय लोगों में रोष, प्रशासन से मांगी जवाबदेही
घटना के बाद स्थानीय निवासियों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उनका कहना है कि पुल की स्थिति लंबे समय से खराब है, लेकिन इसे सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए।
एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हमने कई बार पुल की मरम्मत की मांग की है, लेकिन प्रशासन ध्यान नहीं देता। अब दो लोगों की जान चली गई है, क्या अब प्रशासन जागेगा?”
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसों का डरावना आंकड़ा
उत्तर प्रदेश में सड़क हादसे आम हो चुके हैं। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में राज्य में 25,000 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 10,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। इनमें से अधिकांश हादसे खराब सड़कों, ओवरलोड वाहनों, और सुरक्षा नियमों की अनदेखी के कारण हुए।
हिंडन नदी पुल पर हालिया हादसा भी इसी लापरवाही की ओर इशारा करता है। पुल की कमजोर रेलिंग और भारी वाहनों के गुजरने से यह हादसा लगभग तय था।
घटनास्थल पर मची अफरा-तफरी
जब ट्रक नदी में गिरा, तो आसपास मौजूद राहगीरों में हड़कंप मच गया। कई लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी और कुछ ने मदद करने की कोशिश की। इस दौरान हादसे का वीडियो भी बनाया गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
प्रशासन की भूमिका पर सवाल
प्रशासन ने दावा किया है कि राहत कार्य तेजी से किया गया और घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा गया। लेकिन सवाल उठता है कि ऐसे हादसे रोके कैसे जाएं। पुल की मरम्मत, वाहनों की नियमित जांच, और सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है।
क्या करना चाहिए? विशेषज्ञों की राय
- पुलों की समय पर मरम्मत: सभी पुलों की नियमित जांच और मरम्मत की जानी चाहिए।
- वाहनों की फिटनेस चेक: भारी वाहनों की फिटनेस चेकिंग अनिवार्य होनी चाहिए।
- सड़क सुरक्षा नियम: तेज रफ्तार और ओवरलोडिंग पर कड़ी पाबंदी लगनी चाहिए।
- स्थानीय प्रशासन की सक्रियता: स्थानीय प्रशासन को जनता की समस्याओं पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।
यह हादसा न केवल सड़क सुरक्षा की कमी को उजागर करता है, बल्कि प्रशासन की जिम्मेदारी पर भी सवाल खड़े करता है। मुरादाबाद के मृतकों के परिवारों के लिए यह एक बड़ा नुकसान है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेता है और आगे क्या कदम उठाता है।
ध्यान दें: इस तरह के हादसे हमें यह याद दिलाते हैं कि सड़क सुरक्षा और बुनियादी ढांचे की मजबूती से समझौता नहीं किया जा सकता।