शाहपुर। Muzaffarnagar ज़िले के शाहपुर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। नया गांव मीरापुर पीनना बाईपास पर एक बेटे ने अपनी सौतेली मां की बेरहमी से फावड़े से वार कर हत्या कर दी। यह खौफनाक वारदात पारिवारिक विवाद और संपत्ति की लालच का नतीजा थी।
पुश्तैनी जमीन पर जंग बनी जानलेवा
परिवारों में संपत्ति को लेकर मतभेद कोई नई बात नहीं, लेकिन शाहपुर की यह घटना रिश्तों को शर्मसार कर देने वाली है। आरोपी जाने आलम ने अपनी सौतेली मां रजिया (50) की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी क्योंकि उसे डर था कि उसके पिता पुश्तैनी जमीन सौतेली मां और उसके बच्चों को सौंप देंगे।
मृतका की पहचान और पारिवारिक पृष्ठभूमि
नया गांव मीरापुर निवासी मेहराज ने अपनी पहली पत्नी साजिदा की मृत्यु के बाद मेरठ के किठौर क्षेत्र की रहने वाली रजिया से दूसरी शादी की थी। रजिया अपने पति मेहराज के साथ मीरापुर बाईपास पर प्लास्टिक फैक्ट्री में रह रही थी, जो कि पुश्तैनी जमीन पर बनाई गई थी।
खून से सनी साजिश: फावड़ा बना मौत का औजार
गुरुवार देर शाम को मेहराज के पहले विवाह से जन्मा बेटा, जाने आलम, अपनी सौतेली मां रजिया से मिलने आया। घर में अकेली रजिया को देखकर उसने बातचीत के बहाने पास बुलाया और फिर अचानक ही फावड़ा उठाकर उस पर ताबड़तोड़ वार कर दिए। कुछ ही पलों में रजिया की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के समय मेहराज अपने गांव सुजड़ू में एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने गया हुआ था।
इलाके में सनसनी, पुलिस अलर्ट पर
घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर शाहपुर थाना पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। साथ ही हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी गई।
जाने आलम की गिरफ्तारी: पुलिस की तत्परता से हुआ खुलासा
शाहपुर थाना प्रभारी जय सिंह भाटी ने बताया कि आरोपी बेटे को सुजड़ू गांव के कूंगर पट्टी मोहल्ले के पास स्थित एक अंडरपास से गिरफ्तार कर लिया गया है। गिरफ्तारी के वक्त उसके पास हत्या में प्रयुक्त फावड़ा भी बरामद किया गया। पूछताछ के दौरान जाने आलम ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उसने बताया कि उसे अपने पिता की दूसरी शादी और सौतेली मां को मिल रही प्राथमिकता से हमेशा जलन होती थी।
अधिकारियों की सक्रियता: आला अधिकारियों ने किया घटनास्थल का निरीक्षण
घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी देहात आदित्य बंसल और सीओ बुढ़ाना गजेंद्र पाल सिंह भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल की गहनता से जांच की और स्थानीय पुलिस को निर्देश दिया कि मामले की छानबीन में कोई भी कोताही न बरती जाए। इसके साथ ही आरोपी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
रिश्तों की दरारें: एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक दृष्टिकोण
ऐसी घटनाएं सिर्फ अपराध की श्रेणी में नहीं आतीं, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी होती हैं। पारिवारिक तकरार, सौतेले रिश्तों में अविश्वास, और संपत्ति की होड़ कभी-कभी खूनी मोड़ पर पहुंच जाती हैं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि ऐसे मामलों में परिवार को काउंसलिंग और समय रहते संवाद की आवश्यकता होती है, जो कि इस दर्दनाक घटना में पूरी तरह नदारद था।
ऐसी वारदातें क्यों बढ़ रही हैं?
पिछले कुछ वर्षों में उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों में पारिवारिक संपत्ति को लेकर हत्या के मामलों में इजाफा हुआ है। इन घटनाओं से साफ है कि जब कानून और पारिवारिक संवाद दोनों विफल हो जाते हैं, तब गुस्सा, ईर्ष्या और लालच जैसे भावनाएं इंसान को हैवान बना देती हैं।
स्थानीय जनता में भय का माहौल, प्रशासन से सुरक्षा की मांग
इस दिल दहला देने वाली घटना के बाद नया गांव मीरापुर और आसपास के गांवों में भय का माहौल बन गया है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए पारिवारिक विवादों की समय पर जांच और निपटारा हो, ताकि कानून अपने समय पर काम करे और लोग खुद कानून अपने हाथ में न लें।
पुलिस की तत्परता सराहनीय, लेकिन समाज को भी लेनी होगी जिम्मेदारी
शाहपुर पुलिस की तेज कार्रवाई की प्रशंसा हो रही है, लेकिन यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या अगर पारिवारिक स्तर पर संवाद स्थापित होता तो यह त्रासदी रोकी जा सकती थी? शायद हां।
शाहपुर की इस दिल दहला देने वाली वारदात ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि जब रिश्तों में विश्वास की कमी और लालच हावी हो जाता है, तो नतीजा कितना भयानक हो सकता है। सौतेली मां की हत्या केवल एक व्यक्ति की नहीं, पूरे समाज की चेतावनी है – कि पारिवारिक संवाद, आपसी समझ और न्याय प्रणाली में विश्वास ही ऐसे हादसों को रोक सकता है।