Muzaffarnagar News दूरसंचार विभाग से वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने वाले बीएसएनएल कर्मचारियों ने उस समय जबरदस्त नाराजगी जाहिर की, जब उन्हें उनके पेंशन और अन्य बकाया लाभों से वंचित कर दिया गया। खास तौर पर महाराष्ट्र के 170 एसटी (अनुसूचित जनजाति) वर्ग के कर्मचारियों को पेंशन न मिलने के विरोध में ऑल इंडिया बीएसएनएल डीओटी पेंशनर्स एसोसिएशन के नेतृत्व में एक सशक्त प्रदर्शन का आयोजन किया गया।

पटेल नगर दूरभाष केंद्र बना रोष का केंद्र

दूरभाष केन्द्र, पटेल नगर, नई मंडी, मुजफ्फरनगर में आयोजित इस विरोध सभा में बड़ी संख्या में रिटायर्ड कर्मचारी एकत्रित हुए। हर चेहरे पर सिस्टम से उपजे आक्रोश की स्पष्ट झलक दिख रही थी। सभा की अध्यक्षता एन पी निगम ने की, जिन्होंने इस अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद की और एकजुटता का आह्वान किया।

महाराष्ट्र के एसटी कर्मचारियों को लेकर विशेष चिंता

जिला सचिव श्री आर यू सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए विस्तार से बताया कि कैसे महाराष्ट्र के 170 एसटी कर्मचारियों को वीआरएस लेने के बावजूद पेंशन और अन्य लाभ नहीं दिए गए। उन्होंने दस्तावेजों और प्रमाणों के आधार पर इस भेदभाव को उजागर किया और सरकार से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाई सभा की गरिमा

सभा में प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहे श्री रामबीर सिंह, जो संचार निगम पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के परिमंडलीय सचिव हैं। उन्होंने पेंशन संशोधन (पेंशन रिवीजन) की स्थिति पर नवीनतम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे पेंशनर्स की लंबी लड़ाई के बावजूद सरकार की ओर से अब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं।

नेताओं ने दिया सरकार को चेतावनी: अब और नहीं सहेंगे अन्याय

सभा को संबोधित करते हुए मो. इसराईल (परि. अध्यक्ष, एआईबीडीपीए), एस के त्यागी और गणेश दत्त शर्मा ने तीखा हमला बोला। उन्होंने केंद्र सरकार और दूरसंचार विभाग को चेताया कि अगर जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर फैल सकता है। “पेंशन हमारा अधिकार है, हम इसे लेकर रहेंगे,” यह नारा बार-बार गूंजता रहा।

भारी संख्या में पेंशनर्स की भागीदारी ने दिखाई एकता की ताकत

इस मौके पर ओंकार शर्मा, जनार्दन शर्मा, सतीश चौधरी, हरीश चौहान, जेपी गुप्ता, वी के शुक्ला, यूसी शर्मा, मदनलाल, रामबली, मंजू दत्त शर्मा, देवेंद्र कुमार, किशन, नरेश पाल, देवेन्द्र वर्मा, रामशरण, सत्यप्रकाश, रामावतार, बोधराज, राधेश्याम सैनी, सुरेश चन्द, बीडी त्यागी, ऋषिपाल जैसे सैकड़ों पेंशनर्स उपस्थित रहे। उनकी उपस्थिति ने यह साबित कर दिया कि यह मामला केवल महाराष्ट्र तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे देश के पेंशनर्स की पीड़ा है।

सरकार के रवैये पर सवाल, आंदोलन के लिए तैयार पेंशनर्स

सभी वक्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा वीआरएस लेने वाले कर्मचारियों के साथ किया गया व्यवहार न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि कानून के भी खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अगर अब भी सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, तो संघर्ष को राष्ट्रीय राजधानी तक ले जाया जाएगा।

पेंशन संशोधन पर बनी रणनीति, आंदोलन होगा और तेज

सभा के अंत में यह निर्णय लिया गया कि इस मुद्दे को लेकर दिल्ली तक कूच किया जाएगा और संसद के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही, पेंशन संशोधन को लेकर एक राष्ट्रीय संयुक्त मंच तैयार किया जाएगा जो पूरे भारत के पेंशनर्स की आवाज बनेगा।

सभापति एन पी निगम ने दी एकजुटता की अपील

कार्यक्रम के समापन पर एन पी निगम ने अपने विचार रखते हुए सभी पेंशनर्स को एकजुट रहने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आज का प्रदर्शन एक शुरुआत है, और यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक सभी वीआरएस कर्मचारियों को उनका हक नहीं मिल जाता। इसके बाद जलपान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

आखिरी में यह कहना गलत न होगा कि पेंशन केवल एक वित्तीय सहायता नहीं, बल्कि रिटायर्ड कर्मचारियों का सम्मान है। और जब सम्मान को ठेस पहुंचती है, तो आंदोलन जन्म लेता है।

 

महत्वपूर्ण संदेश: पेंशन हमारी मेहनत की कमाई है, इसे कोई छीन नहीं सकता। यदि आपने भी बीएसएनएल या किसी अन्य सार्वजनिक उपक्रम से वीआरएस लिया है और आपको पेंशन में कोई समस्या आ रही है, तो अब समय आ गया है कि आप भी इस राष्ट्रीय संघर्ष में अपनी आवाज़ जोड़ें।

 



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