मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) एक बार फिर से जिला परिषद् मार्किट से नशे के अवैध कारोबार का पुलिस ने भंड़ाफोड़ करते हुए नशे के पांच सौदागरों को गिरफ्तार किया है। यह अवैध कारोबार जिला परिषद् मार्किट के एक दवा कारोबारी के साथ गैंग बनाकर किया जा रहा था।
इसमें शामिल लोगों में तीन मेडिकल स्टोर के संचालक भी हैं, जो मेडिकल एजेंसी से नशीली दवाईयों की बड़ी खेप उठाकर जिले के साथ ही दूसरी प्रदेशों में भी सप्लाई किया करते थे। पुलिस ने इनके कब्जे से प्रतिबंधित दवाईयों का बड़ा जखीरा बरामद करने के साथ ही करीब २३ लाख से अधिक की नगदी और दो गाड़ियां भी जब्त की है। यह रकम नया माल खरीदने के लिए लाई जा रही थी।
वहीं गाड़ियों के सहारे नशीली दवाईयों की सप्लाई करने का काम किया जाता था। रिजर्व पुलिस लाइन के सभाकक्ष में शुक्रवार को एसएसपी अभिषेक सिंह ने मीडिया कर्मियों के समक्ष प्रतिबंधित दवाईयों के अवैध कारोबार का भंड़ाफोड़ किया है। शहर कोतवाली पुलिस ने अंडर ट्रेनी आईपीएस अफसरों के दिशा निर्देशन में नशे के इस कारोबार का पर्दाफाश करते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो पूरी तरह से नशे के सौदागर बनकर कार्य कर रहे थे।
इस गैंग को जिला परिषद् मार्किट से अवैध दवाईयों की खेप दी जाती थी और फिर गैंग के सदस्य अपने अपने तरीकों से उस खेप को यूपी के विभिन्न जनपदों के साथ ही दूसरे प्रदेशों तक पहुंचाने का काम करते हुए अवैध रूप से धन अर्जित करते थे, आपूर्ति के बाद प्राप्त धनराशि को आपस में बांट लिया जाता था।
एसएसपी अभिषेक ने बताया कि शहर कोतवाली पुलिस को सूचना मिली थी कि रुड़की रोड पर पीर पास कुछ लोग संदिग्ध अवस्था में खड़े हैं। शहर कोतवाली प्रभारी के नेतृत्व में टीम ने मौके पर पहुंचकर संदिग्धों को हिरासत में लिया तो नशीली दवाईयों के कारोबार का खुलासा हुआ। उन्होंने बताया कि यहां से पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें शावेज पुत्र रिजवान निवासी अम्बा विहार, मौहम्मद फैज पुत्र सरवर आलम निवासी गांव भोकरहेडी, निखिल पुत्र शिवकुमार निवासी गांधी कालोनी, अनुज कुमार पुत्र सुन्दरपाल निवासी रामलीला टिल्ला और धीरज गर्ग पुत्र नरेश चन्द निवासी शांतिनगर भोपा रोड शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि इनके कब्जे से दो गाड़ियां स्विफ्ट डिजायर नम्बर यूपी १२ एएम २०२५ और बलेनो कार संख्या यूपी १४ डीबी २८४५ भी मिली है। गाड़ियों में अवैध रूप से आपूर्ति के लिए ले जाये जा रहे प्रतिबंधित १९२० कैप्सूल स्पासमो प्रो मैक्स प्लस और ४०० नशीले इंजेक्शन पेंटाजोसाइन लेक्टेक्ट आईपी हैककेट तथा ५०० नशीले इंजेक्शन बुपरेनोर्पनाइन आईपी लीजेसिक बरामद किये गये हैं।
इसके साथ ही पांचों आरोपियों से अलग अलग रूप से २३ लाख ६९ हजार ८०० रुपये की धनराशि भी बरामद की है। गाड़ियों और दवाईयों के साथ ही नगदी को भी पुलिस टीम ने जब्त कर लिया है। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि पकड़े गये पांचों आरोपी शातिर किस्म के अपराधी हैं, जो अवैध नशीली दवाई व इंजेक्शन का व्यापार अपने निजी वाहनों से लोकल क्षेत्र के साथ ही दूसरे प्रदेशों तक भी करते थे।
ये लोग दवाईयों के पैकेज बनाकर बसों के माध्यम से आपूर्ति भेजने में भी लिप्त थे। इनका नेटवर्क यूपी के निकटवर्ती कई राज्यों में फैला हुआ है। इस अवैध कारोबार से अर्जित धन का ये लोग आपस में बंटवारा करते थे। एसएसपी ने बताया कि शावेज ने पूछताछ में बताया कि मौ. फैज और निखिल कुमार उसके ही साथी हैं। उसके भाई सिराज की आर्य समाज रोड पर जमजम मेडिकल एजेंसी के नाम से दुकान है।
सिराज नशीली दवाईयों की सप्लाई के आरोप में ही हिमाचल की ऊना जेल में बंद है। शावेज उसकी एजेंसी पर बैठता था और वहीं से नशीली दवाईयों की आपूर्ति करने का कारोबार चला रहा था। इसके साथ ही दूसरे आरोपी निखिल की जिला परिषद् मार्किट में महालक्ष्मी मेडिकल एजेंसी है। आज इनको यहीं पर प्रतिबंधित दवाईयों की आपूर्ति देने के लिए अनुज व धीरज ने बुलाया था। इसी कारण ये लोग मोटी धनराशि लेकर आये थे।
इनको गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम में एएसपी व्योम बिन्दल, एएसपी विनायक गोपाल भोसले, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली महावीर चौहान, उप निरीक्षक विनोद कुमार अत्री व नन्द किशोर शर्मा, हैड कांस्टेबल शिवओम भाटी, अनिल कुमार और अशोक खारी, कांस्टेबल सचिन तेवतिया, मौ. इश्फाक और जितेन्द्र शामिल रहे।