मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) श्री सनातन धर्म सभा भवन में आयोजित श्री राम कथा के तृतीय दिवस कथा व्यास श्री बृजेश पाठक जी ने बताया कि व्यक्ति सुख पाने के लिए संसार में इधर से उधर भटकता रहता है पर उसे सुख नहीं मिलता क्योंकि संसार में सुख है भी नहीं भगवान श्री कृष्ण गीता में कहते हैं यह संसार तो दुखालय है , जिस प्रकार पुस्तकालय में पुस्तक मिलती है

भोजनालय में भोजन मिलता है इसी प्रकार संसार में केवल दुख मिल सकता है संसार में सुख नहीं है सुख की छाया मात्र है ! वर्णन आता है कि – एक बार प्रभु श्री राम मां कौशल्या से चंद्रमा पाने के लिए मचल उठाते हैं तब मां कौशल्या ने एक उपाय निकाला उन्होंने थाल में जल भरकर रख दिया उसमें चंद्रमा का प्रतिबिंब दिखाई देने लगा रामलला प्रसन्न हो गए लेकिन जैसे ही प्रभु श्री राम ने चंद्रमा पकड़ने के लिए जल में हाथ डाला चंद्रमा टुकड़े टुकड़े हो गया

श्री राम रोने लगे तुलसीदास जी से पूछा गया रामलला क्यों रो रहे हैं उन्होंने कहा राम जी बता रहे हैं परमात्मा बिम्ब है और संसार उसका प्रतिबिंब है जो भी उसे पकड़ने की चेष्टा करेगा उसके हाथ कुछ नहीं लगेगा उसे रोना ही पड़ेगा इसलिए भगवान को पाने की चेष्टा करें

तभी सच्चा सुख प्राप्त हो सकेगा ! आज की कथा के मुख्य यजमान श्री अजय कुमार गर्ग (बैंक वाले )ने व सभा के अध्यक्ष श्री शंकर स्वरूप बंसल ने महाराज जी का तिलक लगाकर व माल्यार्पण कर स्वागत सम्मान किया! इसके अलावा आज महामंडलेश्वर श्री संजीव शंकर जी ने भी महाराज श्री का तुलसी माला पहनकर सम्मान किया सभा के मंत्री दीपक मित्तल द्वारा श्री संजीवशंकर को पटका पहनकर वह शिवचरण गर्ग द्वारा माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया !

आज के धर्म प्रेमी अतिथियों में प्रमुख सतीश गर्ग , श्यामलाल बंसल , त्रिलोकचंद जी ,नवीन गुप्ता डॉक्टर रमेश चंद्र केडिया , संतोष शर्मा श्री सीताराम जी ,प्रेम प्रकाश एडवोकेट, डॉक्टर सांवलिया सुखदेव मित्तल एडवोकेट , ,डॉक्टर देवेंद्र नाथ गुप्ता प्रवीण अरोड़ा एडवोकेट अंजुल भूषण अनुराग अग्रवाल कुलदीप मित्तल , शुभम आदि सैकड़ो धर्म प्रेमी उपस्थित थे।



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