मुजफ्फरनगर।(Muzaffarnagar News) विद्युत आपूर्ति में हो रही समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और उद्यमशीलता विभाग के स्वतंत्र प्रभार मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने सख्त कदम उठाए हैं। शहर के कई हिस्सों में लगातार बिजली कटौती की शिकायतों पर उन्होंने विद्युत विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और उन्हें निर्देशित किया कि वे बिजली आपूर्ति की समस्याओं को तुरंत प्रभाव से सुलझाएं। यह मुद्दा मुजफ्फरनगर के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उभर कर आया, जिसमें रामलीला टिल्ला, मिमलाना रोड, गौशाला नदी रोड और आबकारी जैसे इलाके शामिल हैं, जहां बिजली की अनियमितता के कारण लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय जनता की बढ़ती समस्याएं: विद्युत आपूर्ति में अव्यवस्था
शहर के निवासियों द्वारा लगातार बिजली की अनियमित आपूर्ति की शिकायतें की जा रही थीं, जिससे उनकी दिनचर्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था। विशेषकर, गर्मी के दिनों में बिजली कटौती से लोगों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। मोहल्ला रामलीला टिल्ला, मिमलाना रोड और अन्य आसपास के क्षेत्रों में यह समस्या अधिक गंभीर हो गई थी।
स्थानीय नागरिकों ने अपनी समस्याओं को लेकर मंत्री से संपर्क किया, जिस पर मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने खुद क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर ही विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों को तलब किया और नागरिकों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को फटकार लगाई।
बैठक में सख्त निर्देश: निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के आदेश
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने रामलीला टिल्ला स्थित उ.प्रा. पटेल कन्या विद्यालय में स्थानीय नागरिकों के साथ बैठक की और मौके पर ही विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता पवन अग्रवाल, अधिशासी अभियंता अनूप सिंह, उपखंड अधिकारी रितेश्वर और जेई अनिल कुमार को बुलाकर बिजली आपूर्ति में हो रही दिक्कतों पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा सरकार में किसी भी प्रकार की संवेदनहीनता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
मंत्री ने विद्युत विभाग के अधिकारियों को सख्त हिदायत दी कि वे अपने कर्तव्यों का गंभीरता से निर्वहन करें और सुनिश्चित करें कि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना नागरिकों को न करना पड़े।
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि फिलहाल शामली रोड और मिमलाना रोड के फीडर को बधाई कलां के स्थान पर नरा बिजलीघर से जोड़ा जाए, ताकि बिजली आपूर्ति में सुधार हो सके।
भविष्य के लिए कड़े कदम: विद्युत अव्यवस्था पर नियंत्रण
मंत्री कपिल देव ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में यदि इसी प्रकार की समस्याएं फिर से सामने आती हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की सेवा के प्रति प्रतिबद्ध है, और कोई भी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकता।
इस मौके पर मंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि शहर के हर इलाके में बिना किसी रुकावट के बिजली आपूर्ति की जाए, ताकि लोग आसानी से अपनी रोजमर्रा की जरूरतें पूरी कर सकें। उन्होंने कहा कि जनता की समस्याएं सरकार की प्राथमिकता हैं, और सरकार हर संभव प्रयास कर रही है कि कोई भी क्षेत्र बिजली की समस्याओं से ग्रस्त न हो।
मंत्री के कड़े रुख का समर्थन: जनता ने जताया आभार
बैठक में उपस्थित स्थानीय नागरिकों ने मंत्री कपिल देव अग्रवाल का धन्यवाद किया और उनके इस सख्त रुख की सराहना की। नागरिकों ने मंत्री से यह उम्मीद जताई कि अब भविष्य में बिजली कटौती जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता भी उपस्थित थे, जिनमें भाजपा जिला महामंत्री रोहिल बाल्मीकि, जिला मंत्री सुनील दर्शन, सुधीर खटीक, सभासद राजीव शर्मा, सभासद मनोज वर्मा, अनुसूचित मोर्चा के जिलाध्यक्ष अजय सागर, मंडल अध्यक्ष दीपक मित्तल, चमन बाल्मीकि, अमित सुधा, विक्रांत खटीक, राधे वर्मा, संजय मित्तल, कुंवरपाल वर्मा, नरेश खटीक, श्रवण मोघा और नीरज धनगर आदि शामिल थे।
विद्युत समस्या का व्यापक प्रभाव: अन्य शहरों में भी उभर रही समस्याएं
यह सिर्फ मुजफ्फरनगर का मामला नहीं है, बल्कि उत्तर प्रदेश के कई अन्य शहरों में भी विद्युत आपूर्ति की समस्याएं उभर कर सामने आई हैं। कई इलाकों में खराब फीडर, आउटडेटेड ट्रांसफार्मर, और ओवरलोडेड ग्रिड के कारण नियमित रूप से बिजली कटौती हो रही है।
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बावजूद, कुछ जगहों पर बिजली की समस्या अभी भी बनी हुई है। कई क्षेत्रों में 24 घंटे की बिजली आपूर्ति का दावा किया गया है, लेकिन हकीकत इससे अलग है।
कुछ समय पहले ही लखनऊ, वाराणसी और कानपुर जैसे बड़े शहरों में भी इसी प्रकार की विद्युत समस्याओं की खबरें आई थीं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर बिजली विभाग की व्यवस्था में सुधार क्यों नहीं हो पा रहा है?
विद्युत समस्या का सबसे अधिक असर ग्रामीण इलाकों में देखने को मिलता है, जहां बिजली की उपलब्धता शहरों के मुकाबले बहुत ही कम होती है। इस स्थिति में किसानों, छोटे व्यापारियों और छात्रों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
सरकार के प्रयास: विद्युत आपूर्ति सुधारने की दिशा में कदम
सरकार ने बिजली आपूर्ति को सुधारने के लिए कई योजनाओं की शुरुआत की है। ‘सौभाग्य योजना’ जैसी योजनाओं के तहत देश के हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन कुछ इलाकों में यह लक्ष्य पूरी तरह से हासिल नहीं हो पाया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई बार यह बात कही है कि उत्तर प्रदेश में हर क्षेत्र को 24×7 बिजली मिलेगी, लेकिन इसके बावजूद स्थानीय स्तर पर समस्याएं सामने आ रही हैं।
सरकार द्वारा बिजली ग्रिड्स के आधुनिकीकरण, बिजली चोरी पर नियंत्रण और ट्रांसफार्मर सुधार के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, बिजली विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाने के लिए नियमित रूप से मॉनिटरिंग की जा रही है।
बिजली आपूर्ति को सुचारू बनाने की जरूरत
मुजफ्फरनगर में उठाए गए कदम इस बात का संकेत हैं कि सरकार विद्युत आपूर्ति के मुद्दों को लेकर गंभीर है। मंत्री कपिल देव अग्रवाल द्वारा उठाया गया यह कदम निश्चित ही प्रशंसनीय है, लेकिन इसे निरंतर बनाए रखने की जरूरत है।
विद्युत आपूर्ति की समस्या न केवल एक तकनीकी मुद्दा है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक मुद्दा भी है। जब बिजली की आपूर्ति सुचारू होती है, तो उद्योग-धंधों से लेकर घर-परिवार तक सब कुछ ठीक ढंग से चलता है। इसलिए, इस दिशा में निरंतर सुधार और अनुशासन की आवश्यकता है।
यदि बिजली विभाग और सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाते हैं, तो न केवल मुजफ्फरनगर, बल्कि पूरे प्रदेश की जनता को इसका लाभ मिलेगा।