मोरना।मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News)  भोपा थाना क्षेत्र के गांव तिस्सा में एक मजदूर परिवार के साथ भीषण त्रासदी घटित हुई है। बुधवार को घर में अचानक लगी आग ने न सिर्फ उनकी जिंदगी की सारी मेहनत को जलाकर राख कर दिया, बल्कि आगामी शादियों के लिए जुटाए गए दो बेटियों के दहेज का सामान भी नष्ट हो गया। घटना ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है।

क्या हुआ था?

गांव तिस्सा के निवासी नूरमोहम्मद मलिक एक मजदूर हैं, जो जंगल में काम करके अपने परिवार का पेट पालते हैं। बुधवार को जब वे और उनके परिवार के अन्य सदस्य जंगल में मजदूरी करने गए थे, तब घर में उनकी दो छोटी बेटियां मुस्कान और सकीना मौजूद थीं। अचानक घर में आग लग गई। बच्चियों के चिल्लाने की आवाज सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और उन्होंने आग बुझाने की कोशिश की। हालांकि, तब तक घर का सारा सामान, जिसमें नकदी, कपड़े, बर्तन और दहेज का सामान शामिल था, जलकर खाक हो चुका था।

दहेज का सामान भी नष्ट

नूरमोहम्मद के परिवार में पत्नी मयराज के अलावा छह बच्चे हैं, जिनमें दो बेटियां रुखसार और रेशमा की शादी मई में होनी थी। शादी की तैयारियां जोरों पर थीं और परिवार ने मुश्किल से जुटाए गए पैसों से दहेज का सामान खरीदा था। लेकिन आग ने सबकुछ लील लिया। नूरमोहम्मद ने बताया कि जब वे घटनास्थल पर पहुंचे, तब तक सबकुछ नष्ट हो चुका था। अब उनके पास न तो रहने को घर बचा है और न ही बेटियों की शादी के लिए कोई सामान।

पुलिस का बयान

मौके पर पहुंची भोपा पुलिस ने जांच के बाद बताया कि आग लगने का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट हो सकता है। हालांकि, पूरी तरह से जांच अभी बाकी है। पुलिस ने पीड़ित परिवार से संपर्क कर मदद का आश्वासन दिया है।

प्रशासन से मदद की गुहार

इस घटना ने नूरमोहम्मद के परिवार को आर्थिक तौर पर तबाह कर दिया है। उन्होंने जिला प्रशासन और स्थानीय नेताओं से मदद की अपील की है। गांव के लोग भी उनकी मदद के लिए आगे आए हैं, लेकिन इतनी बड़ी क्षति की भरपाई कर पाना मुश्किल है।

क्या होगा अब?

इस घटना ने एक बार फिर गरीब मजदूरों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है। जिस परिवार के पास रोजी-रोटी का जुगाड़ करना मुश्किल होता है, उसके लिए अचानक हुई ऐसी त्रासदी से उबरना आसान नहीं है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए और उनके घर का पुनर्निर्माण कराया जाए।

समाजसेवी संगठनों ने भी उठाई आवाज

इस मामले पर स्थानीय समाजसेवी संगठनों ने भी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि सरकार को ऐसे मामलों में तुरंत मदद मुहैया करानी चाहिए। कई संगठनों ने पीड़ित परिवार की मदद के लिए राहत कोष शुरू करने की घोषणा भी की है।

यह घटना न सिर्फ एक परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय है। ऐसे हादसों से निपटने के लिए सरकार और प्रशासन को मजबूत नीतियां बनानी होंगी, ताकि गरीब और असहाय लोगों को तुरंत राहत मिल सके।

 



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