Muzaffarnagar/Purquazi राष्ट्रीय अभियान आविष्कार योजना के तहत पुरकाजी ब्लॉक के 14 स्कूलों से कक्षा 6, 7 और 8 के 70 छात्र-छात्राओं को मुजफ्फरनगर स्थित बिंदल पेपर मिल का दौरा करवाया गया। यह दौरा बच्चों को कागज़ निर्माण की प्रक्रिया को समझने और उनके मानसिक विकास के लिए आयोजित किया गया था।
पुरकाजी नगर पंचायत के चेयरमैन जहीर फारूकी ने बीआरसी (ब्लॉक संसाधन केंद्र) से इन बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों ने मिलकर “जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान” के नारे लगाए, जिससे पूरे माहौल में उत्साह भर गया।
छात्रों की जिज्ञासा को उड़ान देने की कोशिश
दौरे का मुख्य उद्देश्य छात्रों को व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना था। बिंदल पेपर मिल में पहुंचकर छात्रों को यह सिखाया गया कि पेपर कैसे बनता है और इस प्रक्रिया में कौन-कौन से चरण शामिल होते हैं।
शिक्षकों के ब्लॉक अध्यक्ष मनीष गोयल ने बताया, “उत्तर प्रदेश सरकार की योजनाएं बच्चों को न केवल पाठ्यपुस्तकों तक सीमित रखती हैं, बल्कि उन्हें वास्तविक जीवन में भी चीज़ें समझने और सीखने का मौका देती हैं। इस दौरे से बच्चों की जिज्ञासा और कल्पनाशक्ति को बल मिलेगा।”
इस दौरे में शामिल छात्रों ने मिल के अंदर कागज़ निर्माण की प्रक्रिया देखी। उन्होंने गन्ने के छिलकों और लकड़ी के पल्प से लेकर तैयार कागज़ के रोल तक बनने की पूरी प्रक्रिया को नज़दीक से देखा।
शिक्षकों की भूमिका और सहभागिता
दौरे के दौरान शिक्षकों का एक समूह भी छात्रों के साथ गया, जिसमें मनीष गोयल, अमित तोमर, मधुसूदन शर्मा, अमित शर्मा, विवेक यादव, योगेश त्यागी, रामकुमार, कुसुम मलिक, नीतू त्यागी, मंजू यादव, अनुराधा, विनय कुमार, रूप सिंह और अनूप बंसल जैसे शिक्षकों के नाम शामिल हैं।
शिक्षिका कुसुम मलिक ने बताया कि यह दौरा बच्चों के लिए बेहद उपयोगी है। उन्होंने कहा, “व्यावहारिक शिक्षा से बच्चों का मानसिक विकास होता है और वे अपने आसपास की दुनिया को बेहतर ढंग से समझ पाते हैं।”
गांवों से चयनित बच्चों में जोश
पुरकाजी ब्लॉक के विभिन्न गांवों से इन बच्चों को इस दौरे के लिए चयनित किया गया था। इन गांवों में लखनौती, भोजहेड़ी, बढ़ीवाला, बुच्चा बस्ती, चमरावाला, खुदा, केलनपुर, भूराहेड़ी, तेजलेड़ा और अब्दुलपुर प्रमुख हैं।
कक्षा 8 की छात्रा रीमा, जो पहली बार इस तरह के दौरे पर गई थीं, ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि कागज़ बनाने में इतनी मेहनत लगती है। यह दौरा हमारे लिए एक यादगार अनुभव रहा।”
कक्षा 7 के छात्र आर्यन ने उत्साहपूर्वक बताया, “मैंने पेपर मिल की बड़ी-बड़ी मशीनें देखीं और यह समझा कि कागज़ बनाने के लिए कितनी सारी चीज़ें की जाती हैं। अब मुझे पढ़ाई में कागज़ की अहमियत और भी ज्यादा समझ में आएगी।”
सरकार की योजनाओं से भविष्य की नींव
राष्ट्रीय अभियान आविष्कार योजना (Rastriya Abhiyan Avishkar Yojana) के तहत यह दौरा शिक्षा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के छात्रों को उच्चस्तरीय शिक्षा के अवसर प्रदान करना है।
अमित शर्मा, जो इस दौरे के संयोजक थे, ने कहा, “यह योजना बच्चों के भविष्य के लिए वरदान साबित हो रही है। ऐसे दौरे न केवल बच्चों की शिक्षा में नई सोच लाते हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाते हैं।”
पुरकाजी के चेयरमैन जहीर फारूकी ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि, “सरकार का यह प्रयास सराहनीय है। बच्चों को शिक्षा के व्यावहारिक पहलुओं से जोड़ने से उनकी क्षमताओं में विस्तार होगा।”
दौरे से जुड़ी चुनौतियां और समाधान
हालांकि दौरा सफल रहा, लेकिन शिक्षकों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से बच्चों को लाने और ले जाने में कई बार व्यवस्थागत समस्याएं आती हैं। इसके बावजूद, सरकार के सहयोग और शिक्षकों की मेहनत से इस दौरे को सफल बनाया गया।
छात्रों का उत्साह: शिक्षा में नई सोच
इस तरह के दौरे बच्चों को उनके पाठ्यक्रम से परे जाकर वास्तविक दुनिया के अनुभव देते हैं। यह न केवल उनकी शिक्षा को प्रासंगिक बनाता है, बल्कि उन्हें अपने भविष्य के प्रति प्रेरित भी करता है।
बिंदल पेपर मिल जैसे औद्योगिक केंद्रों का दौरा बच्चों के लिए एक यादगार अनुभव था। इस तरह के कदम न केवल छात्रों की शिक्षा को मजबूत करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देते हैं।
ऐसे प्रयासों की आवश्यकता
पुरकाजी जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में इस तरह के शैक्षणिक कार्यक्रम छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। सरकार और निजी संगठनों को मिलकर ऐसे और प्रयास करने चाहिए ताकि अधिक से अधिक छात्रों को व्यावहारिक शिक्षा का लाभ मिल सके।