Muzaffarnagar । सिखेड़ा थाना क्षेत्र। तेज रफ्तार और लापरवाही का खौफनाक मंजर एक बार फिर हाईवे पर देखने को मिला, जब गलत दिशा से आई कार ने यात्रियों से भरे एक छोटा हाथी (टाटा एस) वाहन को जोरदार टक्कर मार दी। यह दर्दनाक हादसा पानीपत-खटीमा राजमार्ग (Panipat-Khatima Highway) के सिखेड़ा फ्लाईओवर पर हुआ, जहां छोटे हाथी में सवार दर्जनभर यात्री अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन कुछ ही पलों में उनकी यात्रा हादसे में बदल गई। इस भयानक टक्कर में महिलाओं समेत 10 लोग घायल हो गए, जबकि एक युवक की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है।

हादसे की सूचना मिलते ही आसपास के वाहन चालकों में हड़कंप मच गया। देखते ही देखते मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और किसी ने पुलिस व एंबुलेंस को सूचना दे दी। सूचना मिलते ही थाना सिखेड़ा पुलिस और UP-112 की टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल भेजा गया।


हादसा कैसे हुआ? चश्मदीदों ने बताई रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानी

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह हादसा सिखेड़ा बाईपास फ्लाईओवर पर हुआ, जहां हाईवे वन-वे होने के कारण आमने-सामने से आ रही तेज रफ्तार कार ने छोटे हाथी में सीधी टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि छोटा हाथी बीच हाईवे पर ही पलट गया, जिससे उसमें सवार यात्री बुरी तरह घायल हो गए।

घटना के तुरंत बाद वहां चीख-पुकार मच गई। महिलाएं दर्द से कराह रही थीं, तो वहीं अन्य यात्री किसी तरह खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे। मौके पर पहुंचे राहगीरों ने घायलों की मदद करने की कोशिश की और जल्द ही पुलिस व एंबुलेंस मौके पर पहुंची।


घायलों की सूची: कौन-कौन अस्पताल में भर्ती?

इस दर्दनाक हादसे में घायल हुए यात्रियों की पहचान इस प्रकार की गई है:

  1. कांता पत्नी विक्की
  2. राधा पत्नी अनिल
  3. कोमल पत्नी जितेंद्र
  4. मुनेश पत्नी भुवन
  5. रोहित पुत्र जयकरण
  6. सुनीता पत्नी पूरण
  7. यामीन पुत्र नूर मोहम्मद
  8. मनोज पुत्र अतर सिंह (गंभीर हालत में मेरठ हायर सेंटर रेफर)
  9. संदीप पुत्र राधेश्याम
  10. संगीता पत्नी सुभाष

घायलों में मनोज पुत्र अतर सिंह की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है, जिसे मेरठ हायर सेंटर रेफर किया गया है। बाकी सभी का जिला अस्पताल में इलाज जारी है।


ड्राइवर की जुबानी हादसे की पूरी कहानी

छोटा हाथी के चालक संदीप कुमार (निवासी मीरापुर) ने बताया कि वह रोजाना की तरह मुजफ्फरनगर से सवारियों को लेकर मीरापुर जा रहा था। लेकिन जैसे ही वह सिखेड़ा हाईवे फ्लाईओवर पर पहुंचा, विपरीत दिशा से आ रही कार ने सीधे उसके वाहन में टक्कर मार दी।

“टक्कर इतनी तेज थी कि हमारा छोटा हाथी सड़क पर ही पलट गया। चारों ओर अफरातफरी मच गई। सभी यात्री डर के मारे चिल्लाने लगे।”

वहीं, एक अन्य यात्री दीपक स्वामी ने बताया कि वे सभी हलवाई का काम करते हैं और शादी-ब्याह के लिए खाना बनाने का काम कर रहे थे। वे एक कार्यक्रम से लौट रहे थे कि अचानक यह हादसा हो गया।


हादसे का कारण: वन-वे ट्रैफिक का उल्लंघन

यह हादसा हाईवे पर वन-वे ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण हुआ। गलत दिशा में चलने वाले वाहनों से सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। प्रशासन द्वारा बार-बार यातायात नियमों के पालन की अपील की जाती है, लेकिन इसके बावजूद कुछ लापरवाह ड्राइवरों की वजह से मासूम लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं।

पुलिस का कहना है कि वे CCTV फुटेज खंगाल रहे हैं और कार चालक की पहचान करने में जुट गए हैं।


क्या कहते हैं विशेषज्ञ? सड़क हादसों की बढ़ती घटनाओं पर चिंता

भारत में सड़क हादसे तेजी से बढ़ रहे हैं। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल लगभग 1.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि गलत दिशा में गाड़ी चलाना, तेज रफ्तार, लापरवाही और यातायात नियमों का उल्लंघन सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारण हैं।

कुछ सुझाव जो ऐसे हादसों को रोक सकते हैं:

✔️ यातायात नियमों का सख्ती से पालन करें।
✔️ गलत दिशा में वाहन न चलाएं।
✔️ हाईवे पर अतिरिक्त सतर्कता बरतें।
✔️ सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग करें।
✔️ तेज रफ्तार से बचें।


पुलिस की अपील: नियमों का पालन करें, जान बचाएं

थाना सिखेड़ा पुलिस ने वाहन चालकों से अपील की है कि वे हाईवे पर सावधानी से वाहन चलाएं और वन-वे नियमों का पालन करें।

“हम जल्द ही इस हादसे के दोषी वाहन चालक को पकड़ लेंगे। सभी वाहन चालकों से अनुरोध है कि वे यातायात नियमों का पालन करें ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।” – थाना सिखेड़ा प्रभारी


 कब सुधरेंगे लापरवाह ड्राइवर?

मुजफ्फरनगर में हुआ यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि यातायात नियमों की अनदेखी कितनी खतरनाक हो सकती है। यह समय है कि प्रशासन, वाहन चालक और आम जनता सभी मिलकर सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दें।

जब तक लोग सड़क पर सुरक्षा नियमों का पालन नहीं करेंगे, तब तक ऐसे हादसे होते रहेंगे। इसलिए जरूरी है कि हम स्वयं सतर्क रहें और दूसरों को भी जागरूक करें।



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