सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन सर्पों की पूजा की जाती है। इस दिन सर्पाें की अधिष्ठात्री देवी मनसा देवी की भी पूजा की जाती है। लखनऊ में नागपंचमी के दिन गुड़िया को पीटने की भी परंपरा है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस बार नागपंचमी तिथि पर शिव योग, रवि योग और लक्ष्मी योग के साथ ही मंगला गौरी व्रत का शुभ संयोग बन रहा है। नाग पंचमी की पूजा का मुहूर्त सुबह 05:41 बजे से 08:23 बजे तक श्रेष्ठ है।

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कृष्णानगर के आशुतोष महादेव मंदिर के पुजारी आशुतोष पांडेय ने बताया कि नाग पूजा से कालसर्प दोष के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं, पितृदोष की शांति और निसंतान को संतान की प्राप्ति होती है। नागपंचमी के दिन सर्पों को दूध पिलाकर नागों की पूजा की जाती है। इस दिन घर की दीवारों पर नाग की आकृति बनाकर भी पूजा की जाती है। ज्योतिष के अनुसार, राहु को सर्प का सिर और केतु को सर्प की पूंछ माना गया है। नागपंचमी पर काल सर्प की शांति और कुंडली में राहु और केतु ग्रहों के कुप्रभाव को समाप्त करनें के लिए यह दिन उत्तम माना गया है।

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ज्योतिषाचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 28 जुलाई को रात में 11:25 बजे से 29 जुलाई मंगलवार को रात 12:47 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, नागपंचमी 29 जुलाई मंगलवार को ही मनाई जाएगी। राहु से पीड़ित व्यक्ति को ऊं रां राहवें नमः और केतु के लिए ऊँ कें केतवें नमः का जाप करने से और शिवलिंग पर भंग-धतूरा अर्पित करने से व आठमुखी व नौ मुखी रूद्राक्ष पहने से राहु केतु के बुरे प्रभाव समाप्त होते है। इस दिन घरों में कन्याएं और युवतियां कपड़े की गुड़िया बनाती हैं। मोहल्ले में ही किसी चौराहे इन्हें भाई डंडे से पीटते हैं।



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