
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव
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अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर अब राम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। ऐसा माना जाता है कि 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के ढांचा विध्वंस के बाद राम मंदिर निर्माण की राह प्रशस्त हुई, उस समय पी.वी. नरसिम्हा राव ही देश के प्रधानमंत्री थे।
जानकार बताते हैं कि तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने कार सेवकों के अयोध्या में जमा होने पर केंद्र सरकार को आश्वासन दिया था कि मस्जिद की रक्षा की जाएगी। राव ने अपनी पुस्तक अयोध्या 6 दिसंबर 1992 में इसका जिक्र भी किया है। कल्याण सिंह ने कार सेवकों पर गोली चलाने से साफ इनकार किया। देखते ही देखते कार सेवकों ने बाबरी मस्जिद का ढांचा गिरा दिया। देर शाम कल्याण सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार को भी बर्खास्त कर दिया था।
राजनीतिक हल्कों में सालों तक बाबरी मस्जिद विध्वंस के लिए नरसिम्हा राव को जिम्मेदार ठहराया गया। आलोचक आरोप लगाते हैं कि यदि नरसिम्हा राव चाहते तो मस्जिद को बचा सकते थे। गांधी परिवार भी इसको लेकर राव से खफा रहा। अब राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के एक महीने के भीतर ही उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा की गई है।