Negligence: Correct correction was not made in AVU after the unit remained closed for 40 days

मथुरा रिफाइनरी
– फोटो : mathura

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मथुरा रिफाइनरी में हुई आग की घटना का स्पष्ट कारण का पता लगाने के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति बुधवार को यहां पहुंची। अहम बिंदु यह रहा कि चालीस दिन तक यूनिट बंद कर मरम्मत का कार्य किया गया, फिर भी एवीयू में ठीक से काम नहीं किया गया। यही कारण रहा कि वह ट्रायल शुरू होते ही लीक हो गई। ओआईएसडी, पेसो और आईओसीएच की सात सदस्यीय यह टीम तीन दिन तक यहां पर जांच करेगी। उधर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन एएस साहनी भी रिफाइनरी पहुंचे और सारी जानकारी जुटाई।

मंगलवार को रिफाइनरी की मदर यूनिट एडि्रफेरिक वैक्यूम यूनिट (एवीयू) में मरम्मत का कार्य पूर्ण होने के बाद इसकी टेस्टिंग चल रही थी। इसी दौरान करीब शाम 7 बजे नैफ्था (शोधित होने के बाद का तेल) की लाइन में लीकेज होने से तेज धमाके के बाद आग भड़क गई। यूनिट में मौजूद कर्मचारी बुरी तरह झुलस गए। प्राथमिक जांच में नैफ्था की लाइन पर अत्यधिक दबाव हादसे का कारण माना जा रहा है।

अब सवाल यह है कि 40 दिन के मरम्मत कार्य के बाद भी नैफ्था की लाइन लीकेज कैसे हुई। मरम्मत कार्य ठीक ढंग से हुआ या नहीं। इन्हीं तमाम सवालों की जवाब तलाशने के लिए टीम यहां पहुंच गई है और जांच शुरू की। रिफाइनरी सूत्रों के अनुसार, पेट्रोलियम मंत्रालय के निर्देशन में तेल उद्योग सुरक्षा निदेशालय (ओआईएसडी) के दो सदस्य, पेट्रोलियम एवं विस्फोटक सुरक्षा संगठन (पेसो) का एक सदस्य और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन हेडक्वार्टर के चार सदस्य जांच टीम में शामिल हैं।

जांच टीम ने पहले दिन करीब छह घंटे तक घटना की जांच पड़ताल की। प्रथमदृष्टया सामने आ रहा है कि एवीयू में गंभीरता से काम नहीं किया गया। शनिवार को टीम यहां से दिल्ली के लिए रवाना हो जाएगी और करीब 20 दिन के अंदर पेट्रोलियम मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपेंगे।

क्या है नैफ्था

नैफ्था अत्यधिक ज्वलनशील पदार्थ होता है। आम तौर पर यह कच्चे तेल का एक अंश कहा जाता है। इसी को शोधित करने के बाद पेट्रोल, डीजल और सीएनजी समेत अन्य पदार्थ तैयार किए जाते हैं। हादसे से पहले नैफ्था को फिल्टर करने के लिए छोड़ा गया था। तभी अचानक पाइप लाइन लीकेज हो गई।



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