
भूवैज्ञानिक राजीव माथुर की बहनें व भांजा
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उत्तर प्रदेश के आगरा में ऋषि मार्ग (शाहगंज) के रहने वाले 75 वर्षीय भूवैज्ञानिक राजीव माथुर घर में अकेले ही रहते थे। बेटे और पत्नी से नाता तोड़ लिया था। बहनों से कभी-कभार फोन पर बात किया करते थे। वह भी 16 साल से मिलने नहीं आई थीं। मगर, जिंदगी का साथ छूटा तो अपनों को साथ जरूर मिल गया। उनकी मौत की खबर पर आखिरी बार भाई का चेहरा देखने के लिए दो छोटी बहनें आगरा आई थीं। दोनों के दिलों में भाई के दुनिया से जाने का गम था। भांजे ने मुखाग्नि दी।
शुक्रवार को कोठी नंबर 85 में राजीव माथुर का शव मिला था। वह अकेले ही रहते थे। भू-वैज्ञानिक थे। पड़ोसियों ने दुर्गंध आने पर पुलिस को सूचना दी थी। पुलिस ने शव को निकाला था। पत्नी और बेटे से संपर्क नहीं हो सका था। उनके वित्तीय सलाहकार प्रवीन जैन का नंबर मिला था। उनकी मदद से मुंबई और वडोदरा में रहने वाली बहनों रीटा और रेनू को सूचना दी गई थी।