{“_id”:”673b8e653d3d0eea1d0d4894″,”slug”:”newborn-from-jalaun-who-was-burnt-in-jhansi-medical-college-died-orai-news-c-224-1-ori1005-122310-2024-11-19″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: झांसी मेडिकल कालेज में झुलसे जालौन के नवजात ने दम तोड़ा”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
उरई (जालौन)। झांसी मेडिकल कालेज में हुए अग्निकांड में झुलसे नवजात ने सोमवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जब इसकी जानकारी परिजनों को लगी तो कोहराम मच गया। परिजन शव लेकर सोमवार को जब घर पहुंचे तो मां बिलख बिलखकर रोने लगी। वह कह रही थी कि वह कितनी अभागी है कि जन्म के बाद दोबारा अपने लाल को देख भी नहीं पाई।
सिरसाकलार थाना क्षेत्र के पीपरी अठगइया गांव निवासी विशाल की पत्नी मुस्कान गर्भवती थी। 12 नवंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे लेकर सिरसाकलार पीएचसी पहुंचे, वहां से उसे मेडिकल कालेज रेफर कर दिया। मेडिकल कालेज में मुस्कान ने एक बेटे को जन्म दिया। लेकिन कुछ ही देर बाद उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो डॉक्टर ने उसे झांसी ले जाने की सलाह दी। इस पर परिजनों ने उसे झांसी में भर्ती कराया।
17 नवंबर को वार्ड में आग लगने से जब खलबली मची तो उसकी दादी गुड्डी ने उसे गोद में लेकर बचाया था। इसके बाद नवजात के फूफा दीपू ने उसे वार्ड नंबर पांच में भर्ती कराया था। जहां रविवार रात उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। जानकारी पर परिजनों में कोहराम मच गया। झांसी से उसकी दादी गुड्डी व पिता विशाल नवजात का शव लेकर घर लौटे तो मां मुस्कान बेटे को देखकर बस एक ही बात कह रही थी कि उसके बेटे को क्या हो गया उसे थोड़ा देख तो लेने दो। मां का रुदन देखकर आसपास के लोगों के भी आंखें नम हो रही थीं।
बहादुरी से गुड्डी ने बचा लिया पर जिंदगी की जंग हार गया नवजात
उरई। मृत नवजात की दादी व विशाल की मां ने बताया कि जब उरई से पोते को झांसी रेफर किया गया तो वह अपने दामाद दीपू को लेकर झांसी पहुंची और उसे भर्ती कराया था। मुस्कान के पहला बच्चा व पोता होने पर वह खूब खुश थीं। लेकिन 17 नवंबर की रात जैसे ही आग लगी तो उस समय वह वार्ड के बाहर बैठी थी। आग लगने की जानकारी पर वह घबरा गई और किसी तरह पोते को बचा लिया था।