उत्तर प्रदेश में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में लगभग चार महीने पहले नवनियुक्त प्रवक्ता और सहायक अध्यापकों को विद्यालय आवंटित किया गया था। उन्होंने कामकाज भी शुरू कर दिया। लेकिन, शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन न होने की वजह से लगभग चार महीने से वेतन ही नहीं मिला है।

प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में मई में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर 545 प्रवक्ता व सहायक अध्यापकों की तैनाती की गई थी। बाकायदा कार्यक्रम आयोजित कर इनको नियुक्ति पत्र दिए गए। इसके बाद से यह शिक्षक संबंधित विद्यालयों में कामकाज भी कर रहे हैं। किंतु, विभागीय प्रक्रिया के अनुसार इन नवनियुक्त शिक्षकों के दस्तावेजों का डीआईओएस सत्यापन करके निदेशालय को भेजेंगे।

विभाग की लापरवाही से बिन पैसे त्योहार खराब हो जाएगा

निदेशालय से मिले निर्देश के बाद इनका वेतन जारी किया जाएगा। शिक्षकों ने बताया कि प्रमाण पत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया धीमी होने के कारण उन्हें अभी तक वेतन नहीं मिला है। कई त्योहार आने वाले हैं, लेकिन हम अपनी नियुक्ति की खुशी तो मना ही नहीं सके। विभाग की लापरवाही से हमारा त्योहार भी खराब होने जा रहा है। विभाग को इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया जल्द पूरी करनी चाहिए।

वहीं अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय द्विवेदी ने कहा कि जैसे-जैसे जिलों से डीआईओएस प्रमाण पत्रों का सत्यापन करके भेज रहे हैं, वैसे-वैसे शिक्षकों का वेतन जारी किया जा रहा है। सत्यापन में थोड़ा समय लग रहा है। डीआईओएस को इसे जल्द कराने के निर्देश दिए गए हैं। 

सत्यापन में अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा विभाग

बता दें कि पिछले दिनों विभाग में फर्जी कागजात पर नौकरी करते हुए 29 शिक्षक मिले हैं। इनको बर्खास्त कर वसूली की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में अब विभाग काफी फूंक-फूंककर कदम रख रहा है। साथ ही दस्तावेज सत्यापन में भी अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।



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