उरई/कदौरा। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) ने नगर पंचायत कदौरा पर सख्त रुख अख्तियार करते हुए 36.80 करोड़ 88 हजार 500 रुपये का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की वसूली भू-राजस्व की तरह करने के आदेश जारी किए हैं। देश में पहली बार किसी नगर पंचायत पर इतना बड़ा जुर्माना लगाया गया है।
जिले की नगर पंचायत कदौरा में तालाबों की दुर्दशा को लेकर एनजीटी कोर कमेटी के सदस्य पुष्पेंद्र कुमार द्वारा तालाबों की दयनीय स्थित के सुधार के लिए अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपी थी। रिपोर्ट को संज्ञान लेकर एनजीटी के चीफ जस्टिस ने उत्तरप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सहित सदस्य, सचिव को आदेश जारी करते हुए लगातार मॉनीटरिंग के निर्देश दिए थे।
आरओ झांसी की ओर से सात जनवरी 2025 को नगर पंचायत कदौरा स्थित सदर तालाब सहित अन्य तालाबों का निरीक्षण किया। इसमें अधिकारियों को तालाबों में सीवेज से लेकर ठोस अपशिष्ट पड़ा मिला। जल नमूना की रिपोर्ट में तालाबों का पानी अत्यंत प्रदूषित पाया गया।
अधिकारियों ने मुख्य पर्यावरण अधिकारी (वित्त-7) प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड लखनऊ को भेजी रिपोर्ट में कहा कि नगर पंचायत द्वारा पर्यावरणीय प्रकरण को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। प्रथम दृष्टता जल प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम का उल्लंघन है। पूर्व में 88 दिनों की उल्लंघन अवधि के लिए 1.82 करोड़ 88 हजार 200 धनराशि की दर से कुल-1775 दिन की उल्लंघन अवधि पर 36.88 करोड़ 80 हजार 500 रुपये धनराशि की पर्यावरणीय क्षतिपूर्ति निकाय अधिरोपित किया जाना विधिसंगत है।
2.07 लाख प्रतिदिन के हिसाब से जमा करनी होगी राशि
जुर्माने की राशि जिम्मेदारों को प्रतिदिन 2.07 लाख 820 रुपये के हिसाब से जमा करनी होगी। देश में किसी नगर पंचायत में यह पहला मामला है। जब एनजीटी ने इतनी बड़ी धनराशि का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि नगर पंचायत कदौरा की वित्तीय स्थित पहले से ही अत्यंत दयनीय है। ऐसे में 37 करोड़ का जुर्माना लगने से जिम्मेदारों में खलबली मची हुई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि एनजीटी के निर्देनुसार नगर पंचायत से जुर्माने की वसूली भू-राजस्व की तरह होने पर किस तरह की स्थित पैदा होगी। आलाधिकारी इस मामले में बोलने से कतराते नजर आ रहे हैं।
वर्जन
इतनी बड़ी धनराशि का जुर्माना लगाकर हम पर दबाव बनाया जा रहा है। हम इसके खिलाफ हाई कोर्ट में अपील करेंगे। अपनी मर्जी से जुर्माना नहीं लगा सकते हैं।
– राम अंचल कुरील, ईओ, नगर पंचायत