{“_id”:”66d6320e1716e38c5f072714″,”slug”:”no-budget-80-transformers-kept-in-the-open-in-the-city-pose-dangers-orai-news-c-224-1-ori1001-119173-2024-09-03″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jalaun News: बजट नहीं, खतरों के सबब बने खुले में रखे शहर के 80 ट्रांसफार्मर”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
उरई। खुले में रखे ट्रांसफार्मर शहरियों के लिए खतरा बने हैं। इन ट्रांसफार्मरों के आसपास तार भी खुले पड़े हैं। कई बार इन्हें दुरुस्त करने के लिए बजट मांगा गया पर बजट पास न होने से इन्हें बंद नहीं किया जा सका है। बारिश के दिनों में कई हादसों के बावजूद इन व्यवस्था में सुधार न होने से स्थानीय लोगों को जान का जोखिम बना रहता है।
शहर के अंदर 250 केवीए और 400 केवीए के 80 ट्रांसफार्मर जमीन पर रखे हैं। लेकिन उनके आसपास सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के कोई इंतजाम नहीं है। ट्रांसफार्मरों में लगे तार भी खुले पड़े हैं। जिनसे जमीन के साथ बिजली पोल भी कभी भी करंट दौड़ सकता है। विभाग ने इन ट्रांसफार्मरों को ढकने के लिए हर साल प्रस्ताव भेज रहा है। लेकिन शासन स्तर पर इस कोई गौर नहीं किया जा रहा है।
एक ट्रांसफार्मर को ढकने और उसका केेबल सही करने में करीब 50 हजार रुपये खर्च होना है। लेकिन बजट के चलते ये काम नहीं हो पा रहा है। सबसे ज्यादा खतरा अन्य जानवरों के लिए बना है। अधिकतर ट्रांसफार्मरों के आसपास घास उग आई है। जिनको चरने के लिए गोवंश जाते हैं। जिससे हादसा हो सकता है। वहीं कई बार इस तरह की घटना भी हो चुकी हैं।
बड़े ट्रांसफार्मर तो खतरा भी बड़ा
छोटे ट्रांसफार्मरों को बिजली पोल पर टांग दिया जाता है। उससे बड़े को चबूतरों पर रख दिया जाता है। लेकिन 250 और 400 केवीए के ट्रांसफार्मर पोल पर नहीं टंग सकते हैं। इस लिए इन्हें जमीन पर रखा जाता है। वहीं, जितना बड़ा ट्रांसफार्मर है। उतने ही तारों का जाल आसपास बिछा हुआ है। जिसमें अधिकतर तार खुले हैं। जिनमें करंट दौड़ रहा है। इनको ढकने के लिए विभाग ने कोई अस्थायी व्यवस्था भी नहीं की है।
मुख्य बाजार और मोहल्लों की गलियों में रखे खुले ट्रांसफार्मर
विभाग ने अपनी तरफ से भी पूरी लापरवाही इन ट्रांसफार्मरों को रखने में निभाई है। मुख्य बाजार और भीड़ वाले इलाकों में भी ये ट्रांसफार्मर खुले में रखे हैं। सबसे ज्यादा खतरा मोहल्लों की सड़कों पर ट्रांसफार्मर खुले में रखे हुए हैं। जिनमें आए दिन फाल्ट और चिंगारी निकलती रहती है। खुले ट्रांसफार्मर के तारों में कभी भी कोई चपेट में आ सकता है। आग लगने का भी खतरा बना रहता है।
पूरे जिले की स्थिति खराब
80 ट्रांसफार्मर का आंकड़ा सिर्फ शहर का है। जिले में 300 से अधिक ट्रांसफार्मर खुले में रखे हैं। जो खतरे के लिए सबब बने हैं। इसमें से अधिकतर ट्रांसफार्मर के आसपास घास उग आई है। जिससे ट्रांसफार्मर दिखते तक नहीं हैं। कुछ ट्रांसफार्मर को स्कूलों, बाजार और अस्पतालों के बाहर रखे हुए हैं। जो सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
वर्जन-
खुले में रखे 80 ट्रांसफार्मरों के आसपास जाली लगाने के लिए कई सालों से प्रस्ताव भेजा जा रहा है। बजट मिलने पर काम करवाया जाएगा। -जितेंद्र नाथ, अधिशासी अभियंता, बिजली विभाग