त्योहारी सीजन में अपर गंगा कैनाल के बंद होने की वजह से शहर के करीब दो लाख लोगों को पानी का संकट झेलना पड़ा था। इस संकट के स्थायी समाधान के लिए जलकल विभाग ने कवायद शुरू की है। विभाग ने शहर में 700 मिलियन लीटर प्रतिदिन की क्षमता वाला एक वाटर टैंक बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है।

जल निगम के जरिये इसे शासन से मंजूर कराने की कवायद शुरू हो गई है। टैंक में हर समय इतना पानी मौजूद रहेगा कि सप्लाई बाधित होने पर कम से कम एक टाइम शहर को पानी उपलब्ध हो सके। तब तक दूसरी वैकल्पिक व्यवस्था भी कर ली जाएगी।

दरअसल, अभी बुलंदशहर में अपर गंगा कैनाल से पाइपों के जरिये शहर आने वाला गंगाजल ओवरहेड टैंकों के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जाता है। अक्तूबर के पहले हफ्ते में जब अपर गंगा कैनाल बंद हुई तो जानकारी के अभाव में शहर की करीब दो लाख से ज्यादा आबादी को जलसंकट से जूझना पड़ा।

दो दिन पानी न आने पर जब शोर मचा तो जलकल, जल निगम और सिंचाई विभाग के अधिकारियों की बैठकें शुरू हुई। मध्य गंगा नहर के जरिये जब पानी पहुंचा तो तीसरे दिन लोगों को सप्लाई की गई। चूंकि कैनाल को हर साल साफ करने के लिए बंद किया जाना है। ऐसे में जलकल विभाग ने इसकी वैकल्पिक व्यवस्था की तैयारी शुरू की है।

हर दिन 300 एमएलडी पानी की है जरूरत

जलकल के महाप्रबंधक अरुणेंद्र राजपूत ने बताया कि गंगाजल प्रोजेक्ट के जरिये शहर में हर दिन करीब 300 एमएलडी पानी की सप्लाई की जाती है। ऐसे में अगर 700 एमएलडी पानी का बफर स्टोरेज बन जाए तो कैनाल बंद होने पर भी पानी आपूर्ति बरकरार रह सकेगी।

फिरोजाबाद में है ऐसी व्यवस्था

महाप्रबंधक ने बताया कि फिरोजाबाद में पानी की सप्लाई के लिए ऐसी व्यवस्था बनी हुई है। उसी का अध्ययन कर जल निगम को प्रस्ताव भेजा गया है। अगले साल अपर गंगा कैनाल की बंदी से पहले निर्माण हो जाता है तो शहर के लोगों को पानी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 



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