संवाद न्यूज एजेंसी, आगरा

Updated Tue, 29 Oct 2024 11:17 PM IST

Non-bailable warrant issued against IG and retired IAS



कासगंज। वर्ष 2008 में सोरोंजी से तहसील का दर्जा हटाकर सहावर को तहसील बनाने को सोरोंजी में दंगा हुआ था। दंगे को नियंत्रित करने के लिए पहुंचे तत्कालीन डीएम दिनकर दुबे और एसपी लव कुमार भी इसमें घायल हो गए थे। इस मुकदमे में दोनों तत्कालीन अधिकारी गवाह हैं। गवाही के लिए न आने के चलते इस समय आईजी लव कुमार और रिटायर्ड आईएएस दिनकर दुबे के खिलाफ न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

दरअसल, वर्ष 2008 में तत्कालीन मायावती सरकार ने कासगंज को कांशीराम नगर के नाम से जिला बना दिया था। इसमें सोरोंजी को तहसील बनाया था, लेकिन बाद में विधानसभा परिसीमन में अमांपुर को विधानसभा बना दिया गया। इसमें कोई तहसील न होने के कारण सोरोंजी से तहसील का दर्जा खत्म कर सहावर को तहसील बना दिया गया। इस पर सोरोंजी में दंगा भड़क गया। कई दिनों तक चले दंगों में पथराव, आगजनी व फायरिंग भी हुई थी। दंगा नियंत्रण के लिए तत्कालीन डीएम दिनकर दुबे व एसपी लव कुमार पहुंचे थे। जो कि घायल भी हो गए थे। यह मुकदमा न्यायालय में चल रहा है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सोरोंजी दंगे के केस में सुनवाई जल्द से जल्द खत्म करनी है। इसके लिए सोरोंजी दंगे में मुख्य गवाहों में शामिल तत्कालीन डीएम दिनकर दुबे और तत्कालीन एसपी लव कुमार की गवाही होनी है। तत्कालीन डीएम दिनकर दुबे अब सेवानिवृत हो चुके हैं। जबकि आईपीएस लव कुमार वर्तमान में एसपीजी में प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली में कार्यरत हैं। यह दोनों ही इस मामले में बीते कई दिनों से गवाही देने के लिए न्यायालय नहीं आ रहे हैं। इसके चलते पहले अपर जिला एवं सत्र न्यायालय प्रथम ने दोनों अधिकारियों के खिलाफ सम्मन और फिर वारंट जारी किए। इसके बाद भी गवाही के लिए न आने पर सोमवार को न्यायालय ने दोनों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए। दोनों अधिकारियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद विभाग में हलचल मची हुई है।



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