उरई। डीईएफ यूरिया व अनुदानित नाइट्रोजनयुक्त यूरिया के दुरुपयोग की शिकायत पर सोमवार को प्रशासन की टीम ने सात यूरिया पंपों पर छापा मारा। सातों पंप के संचालकों को नोटिस दिया गया और छह जगह से सैंपल भरे गए हैं।
जिन संचालकों को नोटिस मिले हैं उनमें परासर मोटर्स, जेके कंप्यूटर्स धर्मकांटा, विमल मोटर्स, जय बाबा खाटूश्याम, संतोष कुमार मोटर्स काशीखेड़ा, विमल जोरूपुर मोड़ और ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कदौरा प्रमुख रूप से शामिल हैं।
जिला कृषि अधिकारी गौरव यादव ने बताया कि यह कार्यवाही शासन से प्राप्त विशेष निर्देशों के तहत की जा रही है। आगामी रबी सीजन में अनुदानित उर्वरकों की कालाबाजारी, भंडारण में हेराफेरी और गैरकृषि उपयोग को पूरी तरह रोका जा सके। उन्होंने कहा कि जांच में यह पाया गया कि कुछ संचालक डीईएफ यूरिया की आड़ में नाइट्रोजनयुक्त अनुदानित यूरिया का अवैध रूप से उपयोग या विक्रय कर रहे हैं।
इससे न केवल टैक्स चोरी हो रही है, बल्कि उर्वरक आपूर्ति व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है, जिससे किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने में बाधा आती है। प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि जांच रिपोर्ट में किसी भी संचालक का दोष साबित हुआ, तो उसके विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस दौरान अपर कृषि अधिकारी पुष्कर दीक्षित सहित पूरी टीम मौजूद रही।