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पुष्टाहार
– फोटो : अमर उजाला

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मथुरा के 2363 आंगनबाड़ी केंद्रों से हर महीने करीब 35 हजार गर्भवतियों समेत 2.98 लाख पांच वर्ष तक के बच्चों को पुष्टाहार का वितरण किया जाता है। प्रत्येक बच्चे को 1.5 किलो गेहूं व दलिया, 1.5 किला चावल, 2 किलो चना और 500 ग्राम सोयाबीन का तेल व अन्य खाद्य सामग्री बांटी जाती है।

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गर्भवती महिला को यह सामग्री एक किलो के हिसाब से मिलती है। बाल विकास विभाग पुष्टाहार वितरण में धांधली रोकने के लिए लाभार्थियों का पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकरण करा रहा है। इनमें अधिकतर के मोबाइल सत्यापन हो चुके हैं। मात्र 3 हजार लाभार्थियों के मोबाइल सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। इनके शत-प्रतिशत आधार फीडिंग को लेकर कवायद चल रही है।

इधर, नई व्यवस्था में उन्हीं लाभार्थियों को पोषाहार दिया जाएगा, जो पोषण ट्रैकर एप पर पंजीकृत होंगे। लाभार्थी के चेहरे का सत्यापन होने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर मैसेज जाएगा। बाद में लाभार्थी को पोषाहार मिलेगा। इस व्यवस्था से लाभार्थी के नाम पर फर्जी तरीके से पोषाहार का वितरण दिखाने के चल रहे खेल पर लगाम लग सकेगी।

नवीनतम तकनीकी के मोबाइल से होगा चेहरे का सत्यापन

शासन स्तर से नई व्यवस्था लागू करने की कवायद चल रही है। इसके लिए जिले के अधिकारियों को नवीनतम तकनीकी के मोबाइल व टैबलेट मुहैया कराए जाएंगे। इसके बाद बायोमेट्रिक सिस्टम के जरिये लाभार्थी के चेहरे की सत्यापन प्रक्रिया शुरू होगी। वर्तमान में मौजूद मोबाइल व टैबलेट में चेहरे का सत्यापन कराना संभव नहीं हो पा रहा है।

एप किया गया लॉन्च

जिला कार्यक्रम अधिकारी बुद्धि मिश्रा ने बताया कि पुष्टाहार में धांधली की शिकायतों को देखते हुए शासन ने एप लॉन्च किया गया है। चेहरे का सत्यापन और ओटीपी के जरिये पुष्टाहार का वितरण होगा। एप पर सभी लाभार्थियों का आधार व मोबाइल फीडिंग का काम शत-प्रतिशत हो चुका है। सिर्फ मात्र 3 हजार बचे लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है। चेहरे के सत्यापन की भी कवायद चल रही है।



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