
बुजुर्ग ओमवीर सिंह और उनकी पत्नी मीना देवी थाने में मायूस बैठे हुए
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लगभग 22 वर्ष पहले प्रशासन ने अलीगढ़ की तहसील कोल अंतर्गत उखलाना गांव की एक महिला को लगभग ढाई बीघा जमीन पट्टे पर दी थी। जिस पर तीन-चार साल से परिवार के ही कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। गांव में पति संग अकेली रह रही वृद्ध पीड़िता जमीन वापस पाने के लिए बीते कई महीनों से प्रशासन की चौखट पर दस्तक दे चुकी है। शिकायत को सही मानकर भी जिम्मेदार अधिकारी जमीन को कब्जा मुक्त नहीं करा सके हैं। इस संबंध में वृद्ध दंपति 28 दिसंबर दोपहर को हरदुआगंज थाने शिकायत करने पहुंचे, लेकिन अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी।
थाना हरदुआगंज क्षेत्र के उखलाना गांव की निवासी महिला मीना देवी पत्नी ओमवीर सिंह ने बताया कि वर्ष 2001 में उन्हें तहसील प्रशासन द्वारा गाटा संख्या 551/4 की लगभग ढाई बीघा जमीन आवंटित हुई थी। जिस पर उन्होंने बाउंड्री वॉल कराकर एक कमरा बना लिया था, जो कि पशु बांधने के काम आता था। वृद्धा का कहना है कि साल भर पहले हुई अत्यधिक बारिश के दौरान परिवार के कुछ लोगों ने उस भूखंड पर मवेशी बांधने की इजाजत लेकर पशु बांधना शुरू कर दिया। उन्होंने सोची-समझी साजिश के तहत कुछ दिनों बाद उनके मवेशियों को मारकर भगा दिया और जमीन पर कब्जा कर लिया।
वृद्ध दंपति का आरोप है कि वह पति-पत्नी अकेले रहते हैं, इसका फायदा उठाकर आरोपी मिथुन चौहान उर्फ गुड्डू पुत्र कालीचरण व अखिलेश चौहान पुत्र तेजवीर सिंह निवासीगण मजरा उखलाना उन्हें धमकाते हैं और कब्जाई गई जमीन में दखल देने पर जान से मारने की धमकी देते हैं। 28 दिसंबर को दोपहर थाने गुहार लगाने पहुंचे दंपति का कहना है कि इस संबंध में वह अलीगढ़ जिलाधिकारी, एसडीएम कोल, डीआईजी, एसएसपी समेत मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सभी अधिकारी उनके कागजात वाजिब मानकर भी उनकी कब्जाई गई जमीन को वापस दिलाने में रुचि नहीं ले रहे। दंपति ने बताया कि 28 दिसंबर को थानाध्यक्ष से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी। किसी बड़ी घटना के चलते एसओ व्यस्त रहे, जबकि पुलिसकर्मियों ने उन्हें थाने पर जमा भीड़ भाड़ का हिस्सा मानकर वहां से चलता कर दिया।
वृद्ध दंपती की जमीन पर कब्जे की शिकायत की जांच कराई जाएगी। अवैध कब्जा होने पर उसे कब्जामुक्त कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। – रविशंकर, एसडीएम कोल