अलीगढ़ मुख्यालय स्थित रिकॉर्ड रूम में ज़मीन के मालिकाना हक से जुड़े कुछ पुराने और अहम दस्तावेज़ इस हाल में हैं कि हाथ भी लगाओ तो कागज टूट जाता है। ऐसे में राजस्व वादों में स्वामित्व सिद्ध करने में पक्षकारों को परेशानी आ रही है। इससे विवाद निस्तारण की अवधि भी बढ़ रही है। अकेले टप्पल क्षेत्र की लगभग 80 प्रतिशत ज़मीनों के स्वामित्व दस्तावेज़ (खतौनी) बेहद जीर्ण-शीर्ण (जर्जर) अवस्था में हैं, जिससे आम जनता और अधिवक्ताओं को भारी परेशानी झेल रहे हैं।
                                
                                                
                        
                                
                                
                                
                                
                                
                                
                टप्पल क्षेत्र की उटासानी बांगर, घरबरा, टप्पल और खादर जैसी जगहों की पुरानी खतौनियों की स्थिति सबसे अधिक ख़राब है। इस क्षेत्र से संबंधित जब भी कोई व्यक्ति या अधिवक्ता रिकॉर्ड रूम में इन दस्तावेज़ों का मुआयना करने या उनकी नकल लेने पहुंचता है, तो रिकॉर्ड की स्थिति के आगे केवल जीर्ण स्थिति लिख दिया जाता है। इससे रजिस्ट्री में भी बाधा आती है। लोगों को अपने संपत्ति अधिकारों को लेकर कानूनी उलझनों का सामना करना पड़ रहा है।
                                
                                
                                
                                
                                
                                
- केस-1 – टप्पल के अमर सिंह ने गोशाला के लिए अनुसूचित जाति के परिवार से 10 बीघा जमीन का सौदा किया है। जमीन बेचने वाला परिवार हरियाणा चला गया है। इस जमीन को क्रय करने के लिए प्रशासन से अनुमति आवेदन कर रखा है। अमर सिंह से अब वर्ष 1933 की खतौनी मांगी है। जिसकी नकल मांगने पर रिकॉर्ड रूम से बताया गया कि यह जीर्ण हो चुकी है।
                                
                                
- केस-2 – टप्पल के रविंद्र का क्षेत्र में जमीन के स्वामित्व के संंबंध में जिला स्पर पर राजस्व न्यायालय में वाद विचाराधीन है। उन्हें यह साबित करना है कि यह जमीन उनके दादा के पास परदादा से आई थी। 75 साल पुरानी खतौनी के लिए जब रिकॉर्ड रूम औपचारिकता पूरी की तो बताया गया कि संबंधित पेज ही खतौनी में नहीं हैं।