old man wish to meet his childhood friends and relatives for last time could not be fulfilled in Jhansi

बुजुर्ग की ट्रेन में मौत
– फोटो : अमर उजाला

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जिंदगी के अंतिम पड़ाव में अपने गांव और अपनों के बीच आखिरी सांस लेने की एक वृद्ध की आस अधूरी रह गई। बचपन के दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच आखिरी वक्त बिताने का ख्वाब लिए वे ट्रेन से मुंबई से झांसी के लिए रवाना हुए, लेकिन बीच सफर में ही जिंदगी की डोर टूट गई। 

15 साल पहले मोंठ के गांव अमरा निवासी शहादत अली (76) मुंबई चले गए थे। ट्रक मैकेनिक का काम करके उन्होंने अपने परिवार को बेहतर जीवन दिया। वक्त के साथ-साथ शहादत अली की उम्र ढलने लगी और उन्होंने काम छोड़ दिया। पिछले कुछ दिनों से वे बीमार रहने लगे। जब सेहत ज्यादा खराब होती तो उनको गांव की याद सताती। 

उन्होंने अपने बेटे रहीम अली से एक बार गांव ले चलने की इच्छा जताई। इस पर बेटा, बहू और पत्नी शहादत अली को 30 दिसंबर को बांद्रा टर्मिनस झांसी विशेष सुपरफास्ट एक्सप्रेस से लेकर झांसी आ रहे थे। 

ट्रेन को रविवार 31 दिसंबर को सुबह पांच बजे झांसी पहुंचना था, लेकिन ग्वालियर-दतिया के बीच अचानक शहादत अली की तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने ट्रेन के स्टाफ को जानकारी दी। ट्रेन जब तक झांसी पहुंची तब तक वृद्ध की मौत हो गई। जीआरपी ने पंचनामा भरकर शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।



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