10 पदों पर होना है मनोनयन, भाजपा में सिफारिशों का दौर तेज

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अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। नगर निगम बोर्ड के गठन को एक साल बीत चुका है। मगर भाजपा अब तक मनोनीत पार्षद तय नहीं कर पाई है। दूसरी तरफ, मनोनीत पार्षद बनने के लिए सिफारिशों का दौर तेज हो गया है। कुछ लोग लखनऊ तक पैरवी कर रहे हैं।

नगर निगम में मनोनीत पार्षद के 10 पद हैं। सत्ताधारी दल ही इन पदों पर नियुक्ति करता है। मगर अक्सर मनोनीत पार्षदों की घोषणा देर से ही होती है। पिछले बोर्ड के गठन के भी डेढ़ साल बाद मनोनीत पार्षदों की घोषणा हो पाई थी। मौजूदा नगर निगम बोर्ड का गठन पिछले साल जून में हुआ था। उसके बाद एक साल से ज्यादा समय बीत चुका है। फिर भी मनोनीत पार्षद के लिए भाजपा 10 नाम तय नहीं कर पाई है। लोकसभा चुनाव के बाद मनोनीत पार्षद के नाम तय होने की सुगबुगाहट तेज हुई थी। अब फिर से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। सूत्राें के मुताबिक अपने-अपने गुट के व्यक्ति को मनोनीत पार्षद बनाने के लिए भाजपा नेताओं में खींचतान भी है। दूसरी तरफ, लखनऊ तक सिफारिशों का दौर जारी है।

वोट का अधिकार नहीं, विकास के प्रस्ताव दे सकते मनोनीत पार्षद शहर के किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सदन में प्रस्ताव रख सकते हैं। हालांकि, इन्हें नगर निगम कार्यकारिणी में वोट देने का अधिकार नहीं है। विधान परिषद सदस्य चुनाव में भी ये वोट नहीं डाल सकते।

वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को मिलेगी तरजीह

पार्टी सूत्रों के मुताबिक मनोनीत पार्षद के लिए नाम फाइनल करते समय वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को भी तरजीह मिलेगी। इसके अलावा जिन वार्डों में भाजपा के पार्षद चुनाव हार गए हैं, वहां से पार्टी किसी व्यक्ति को मनोनीत पार्षद बना सकती है।

वर्जन..

मनोनीत पार्षदों के नामों का पैनल तय करने के लिए कमेटी बनी है, जिसमें जनप्रतिनिधि भी हैं। जल्द ही कमेटी की बैठक होगी। नाम तय होते ही पार्टी आलाकमान को भेजे जाएंगे। – हेमंत परिहार, महानगर अध्यक्ष, भाजपा।



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