
विरोध मार्च के दौरान कार्रवाई का आदेश वापस लेने की मांग की गई।
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रायबरेली जिला अस्पताल के चिकित्सक शिवकुमार के खिलाफ शांतिभंग की कार्रवाई के बाद सोमवार को प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संघ भड़क गया। ओपीडी को ठप करके चिकित्सक टेलीमेडिसिन सेंटर में एकत्र हुए। अस्पताल से कलेक्ट्रेट तक करीब डेढ़ किलोमीटर तक विरोध मार्च निकाला।
इस दौरान डॉक्टरों ने प्रदर्शन कर शांतिभंग की कार्रवाई के आदेश को वापस लेने की मांग की। ऐसा न करने पर चिकित्सीय सेवाओं को ठप करने की चेतावनी दी। डॉक्टरों ने इस संबंध में एसपी और सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। संघ के जिलाध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार शुक्ला और मंत्री डॉ. शरद कुशवाहा ने कहा कि चिकित्सक पर की गई शांतिभंग की कार्रवाई किसी भी स्तर पर उचित नहीं है।
दिनभर मरीजों के बीच रहने वाले चिकित्सक से शांतिभंग की आशंका होना उचित नहीं है। यदि आदेश को वापस नहीं लिया गया तो जिला अस्पताल के साथ ही सीएचसी और पीएचसी में भी स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन और पुलिस जिम्मेदार होगी। जिला अस्पताल से कलेक्ट्रेट तक विरोध मार्च में डॉ. अल्ताफ हुसैन, डॉ. प्रजेश कुमार, डॉ. राधाकृष्ण, डॉ. पीके बैसवार, डॉ. सलीम, डॉ. शिवकुमार, डॉ. गौरव त्रिवेदी आदि चिकित्सक शामिल रहे।
ओपीडी कक्षों के बाहर रही भीड़
चिकित्सकों के विरोध प्रदर्शन के दौरान जिला अस्पताल में करीब दो घंटे तक ओपीडी ठप रही। ऐसे में परचा लिए ओपीडी कक्षों के बाहर मरीज चिकित्सकों के आने का इंतजार करते रहे। कक्षों में चिकित्सकों की खाली कुर्सियों को मरीज निहारते रहे। काफी इंतजार करने के बाद थक हारकर तमाम मरीज अपने घरों को लौट गए।
दोपहर पौने दो बजे कलेक्ट्रेट से लौटने के बाद कुछ चिकित्सकों ने कुछ देर के लिए ओपीडी की। डॉ. सलीम व डॉ. गौरव त्रिवेदी ने मरीजों को चिकित्सीय सलाह दी। ओपीडी प्रभावित होने के कारण मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सीएमएस डॉ. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि चिकित्सक कलेक्ट्रेट में ज्ञापन देने के लिए गए थे। इसी कारण ओपीडी प्रभावित हुई।