
हाथरस साकार हरि सत्संग का का दृश्य
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हाथरस में सिकंदराराऊ के गांव मुगलगढ़ी में हुए सत्संग हादसे को एक माह बीत चुका है। हादसे के बाद पहले सप्ताह में पुलिस सक्रिय दिखी, लेकिन इसके बाद जांच और कार्रवाई की रफ्तार सुस्त पड़ती गई। इस दौरान पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों पर सरकारी कार्य में बाधा डालने सहित कुछ अन्य धाराओं को बढ़ाया है। 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद अन्य आरोपियों की तलाश ही की जा रही है।
घटना से एक माह की अवधि में दलीय व निर्दलीय दलों के राजनेताओं ने मृतकों को सांत्वना दी तो एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर रहा है। एक माह बाद भी पुलिस की जांच उसी पहलु पर अटकी हुई है, जोकि घटना के बाद थी। पुलिस को अभी तक देव प्रकाश मधुकर के बैंक खातों का ब्योरा नहीं मिल सका है। पुलिस के निशाने पर इस सत्संग को कराने वाले तमाम आयोजक थे, लेकिन 11 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की जांच की रफ्तार भी धीमी हो गई है। एसपी निपुण अग्रवाल ने बताया कि बैंक खातों का ब्योरा मांगा गया है। अन्य बिंदुओं पर भी जांच चल रही है। तथ्य जुटाए जा रहे हैं।
घटनाक्रम और जांच पर उठते सवाल
-दो जुलाई को सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।
-तीन जुलाई को हाथरस पहुंचे मुख्यमंत्री ने न्यायिक आयोग के गठन की घोषणा की थी। साथ ही साजिश से भी इन्कार नहीं किया था।
-साजिश के बिंदु पर एक माह बाद भी पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंच पाई। बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह भी लगातार बयान जारी कर बाहर से आए कुछ लोगों पर साजिश का आरोप लगा रहे हैं।
-हादसे के बाद एक सप्ताह के भीतर ही 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था, उसके बाद से इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
-मुख्य सेवादार सहित अन्य आरोपियों के खातों की जांच करने की बात कही गई थी, लेकिन इसमें भी जांच में क्या मिला, इसका खुलासा नहीं हुआ।
-2 अगस्त को घटनास्थल पर पहुंचे मृतकों के परिजनों ने भी जांच और कार्रवाई पर उठाए सवाल। पूछा बाबा पर क्यों नहीं हुई कार्रवाई।