
शुभम की हत्या के बाद से ऐशन्या और मां सीमा बदहवास हैं। दो महीने दस दिन बाद भी ऐशन्या के हाथों की मेहंदी अभी तक नहीं मिटी थी। पिता संजय और वहां मौजूद अन्य परिजन लगातार उन लोगों को हिम्मत दे रहे हैं। आर्मी के अधिकारियों ने श्रीनगर में एक होटल में मौजूद परिवार को पूरी मदद का आश्वासन दिया है।

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आतंकी हमले के बाद वायरल फोटो
– फोटो : amar ujala
फोन की घंटी बजते चौंक जाते
श्यामनगर स्थित संजय द्विवेदी के ड्रीमलैंड अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 201 में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं, उनके भाई मनोज के कुछ दूरी पर स्थित विनायत इन्कलेव में रिश्तेदारों के साथ क्षेत्र के लोग पहुंच गए। सभी वहां पूरे घटनाक्रम के बारे में चर्चा करते रहे। घर की गमगीन महिलाएं रोती बिलखती रहीं। श्रीनगर से फोन की घंटी बजते ही लोग चौंक जाते हैं। हर कोई परिवार को ढांढस बंधाता नजर आया। वहीं इलाके में भी जगह-जगह लगी लोगों की भीड़ इसी घटना की चर्चा करती रही।

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शुभम की फाइल फोटो
– फोटो : amar ujala
साल भर पहले परिवार की चार महिलाओं की हुई थी मौत
शुभम का संगठित परिवार है। परिवार वालों ने बताया कि शुभम के 18 चाचा-ताऊ हैं। अप्रैल 2024 में इस परिवार में एक बड़ा हादसा हुआ था। रूमा के पास स्थित नरवल मोड़ पर परिवार की चार महिलाएं सवारी का इंतजार कर रही थीं। इसी बीच अनियंत्रित वैन ने महिलाओं को कुचल दिया था, जिसमें चारों की मौके पर ही मौत हो गई थी। ये महिलाएं परिवार की ही थी।

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पहलगाम घूमने गए जत्थे की फोटो
– फोटो : amar ujala
गांव में पसरा सन्नाटा
शुभम की हत्या की जानकारी जैसे ही गांव पहुंची, परिवार में चीखपुकार मच गई। श्रीनगर से हत्या की जानकारी होते ही मृतक के चाचा मनोज द्विवेदी ने गांव में रह रहे पारिवारिक लोगों को जानकारी दी। गांव के पुशतैनी घर में तो सन्नाटा पसरा था, लेकिन इस घटना से हर कोई बेहद दुखी था। घटना की जानकारी पाकर काफी लोग श्यामनगर घर पहुंच गए।

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पहलगाम हमले की कहानी चश्मदीदों की जुबानी
– फोटो : ANI/PTI
परिवार का राजनीति से जुड़ाव
आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी के परिवार की महाराजपुर क्षेत्र में अच्छी खासी राजनैतिक पकड़ है। शुभम के चाचा मनोज ने बताया कि पिता चंदन प्रसाद द्विवेदी 1977 से 1995 तक 18 वर्ष हाथीपुर के प्रधान रहे। इसके बाद 1995 से लेकर 2005 तक चाचा सुभाष द्विवेदी प्रधान रहे। चचेरे भाई शैलेंद्र द्विवेदी भाजपा के वरिष्ठ नेता है। वहीं, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना और पूर्व मंत्री अनंत मिश्रा अंटू से परिवार के बेहद करीबी रिश्ते हैं।