गोवंश संरक्षण के दावे सिर्फ कागजों में सिमट कर रह गए हैं। इनके लिए प्रदेश की सरकार पानी की तरह पैसा तो बहा रही है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

घायल गाय
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