
गांव में घुसे मगरमच्छ का वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया।
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उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में सात फीट लंबा मगरमच्छ देखा तो ग्रामीणों की नींद उड़ गई। तत्काल ही इसकी सूचना वन विभाग के साथ वाइल्ड लाइफ की टीम को दी गई। टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित रेस्क्यू करने के साथ उसके प्राकृतिक क्षेत्र में पहुंचाने का काम किया है।
मामला जसराना तहसील एवं हाथवंत क्षेत्र के दारापुर रसेनी गांव का है। गांव निवासी उस समय दहशत में आ गए, जब गांव में एक मगरमच्छ को घूमते देखा। मगरमच्छ को एक तालाब में देखा गया था। बाद में पास के एक संकरे गड्ढे में घुस गया। ग्रामीणों को जानकारी हुई तो उन्होंनें तत्काल वन विभाग की टीम को जानकारी दी।
जानकारी मिलने के साथ बचाव अभियान में सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम से उनके आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क साधा गया। वन विभाग व एनजीओ की तीन सदस्यीय टीम गांव में पहुंची। टीम ने मगरमच्छ को पकड़ने को सावधानी पूर्वक पिंजरा लगाया। काफी देर इंतजार के बाद आखिर मगरमच्छ को पिंजरे में कैद करने में सफलता प्राप्त कर ली।
मौके पर चिकित्सीय जांच के बाद उसे उसके प्राकृतिक आवास में छोड़ा गया। इसमें वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि, “मगरमच्छ कृषि क्षेत्रों तक जाने वाली नहर के माध्यम से गांव तक पहुंचते हैं। यह आवश्यक है कि हम जंगली जानवरों की उपस्थिति के प्रति संवेदनशील रहें। और सह-अस्तित्व में रहना सीखें। हम मानव-पशु संघर्ष स्थितियों को कम करने में वन विभाग की सहायता के लिए आभार व्यक्त किया।
वहीं एनजीओ के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स,बैजूराज एमवी ने कहा, “इससे पहले भी हमने फिरोजाबाद से मगरमच्छों को रेस्क्यू किया है। जो संघर्ष की स्थिति में फंस गए थे। वन रेंज अधिकारी प्रियंका यादव ने एनजीओ की पहल की सराहना करते हुए कहा कि मगरमच्छ को बचाने का काम किया है। उन्होंने ऐसे संवेदनशील रेस्क्यू और रिलीज़ ऑपरेशन के संचालन में विशेषज्ञ सहायता के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस टीम का आभार व्यक्त किया।