मुजफ्फरनगर के ग्राम तेवड़ा में पश्चिमांचल निर्माण पार्टी (Paschimanchal Nirman Party) की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य मीरपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए पार्टी के प्रत्याशी की घोषणा करना था। राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सत्येंद्र सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की, जबकि संचालन राष्ट्रीय महासचिव वरीस अहमद ने किया। बैठक के दौरान, मीरपुर-16 विधानसभा उपचुनाव के लिए मोहम्मद शाहवेज कुरैशी को पार्टी का प्रत्याशी घोषित किया गया।

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का संघर्ष और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अनदेखी

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का गठन पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उपेक्षा और विकास की अनदेखी के खिलाफ किया गया था। इस क्षेत्र में 72% राजस्व का योगदान होने के बावजूद, विकास के लिए केवल 18% धनराशि आवंटित की जाती है। बैठक में यह स्पष्ट रूप से बताया गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में एम्स, आईआईटी, केंद्रीय विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों की भारी कमी है। पार्टी के नेता मानते हैं कि पश्चिमी यूपी को एक अलग राज्य का दर्जा मिलना चाहिए ताकि इस क्षेत्र के विकास और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके।

पश्चिमी यूपी का विभाजन: क्यों है यह आवश्यक?

उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में प्रशासनिक और विकासात्मक कार्यों में असमानता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। पश्चिमी यूपी का विभाजन और ‘पश्चिमांचल’ राज्य का गठन प्रशासनिक दक्षता और विकास की गति को बढ़ा सकता है। छोटा राज्य होने से योजनाओं का कार्यान्वयन बेहतर होगा और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।

पश्चिमी यूपी के लोग लंबे समय से महसूस कर रहे हैं कि उन्हें राज्य सरकारों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का यही उद्देश्य है कि इस क्षेत्र के लोगों को उनका हक दिलाया जाए। पार्टी के नेता वसीम खोखनी ने कहा कि उन्होंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर पश्चिमांचल निर्माण पार्टी को इसलिए चुना क्योंकि वे इस क्षेत्र के आठ करोड़ लोगों को उनका अधिकार दिलाना चाहते हैं।

विकास और बेरोजगारी: मुख्य मुद्दे

पार्टी के प्रत्याशी मोहम्मद शाहवेज कुरैशी ने अपने संबोधन में कहा कि अगर वह चुनाव जीतते हैं, तो वह मीरपुर क्षेत्र में विकास की गंगा बहाने का वादा करते हैं। उन्होंने बेरोजगारी के मुद्दे पर भी बात की और युवाओं को रोजगार दिलाने का आश्वासन दिया। उनका मानना है कि पश्चिमांचल राज्य का गठन होने से क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुद्दे और सामाजिक प्रभाव

पश्चिमी यूपी में शिक्षा, स्वास्थ्य, और खेल सुविधाओं का अभाव स्पष्ट है। इन सुविधाओं की कमी के कारण यहां के युवा और समाज पिछड़ रहे हैं। यही कारण है कि यहां के लोग और विशेषकर युवा वर्ग पश्चिमांचल निर्माण पार्टी के साथ खड़े हो रहे हैं।

इसके अलावा, पश्चिमी यूपी में बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था की समस्याएं भी एक बड़ा मुद्दा हैं। क्षेत्रीय असंतुलन और विकास की कमी ने सामाजिक तनाव को बढ़ावा दिया है। यही कारण है कि क्षेत्र के लोग अब छोटे राज्य के गठन की मांग कर रहे हैं ताकि उनके मुद्दों का समाधान हो सके।

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का भविष्य

पार्टी की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पश्चिमी यूपी के हर गांव में पार्टी के उद्देश्यों का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। छोटे राज्य के फायदे और विकास की संभावनाओं को हर मतदाता तक पहुंचाना पार्टी का मुख्य उद्देश्य रहेगा। पार्टी के नारों में भाईचारे का संदेश दिया गया, जो समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देगा।

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी का भविष्य पश्चिमी यूपी के लोगों की आकांक्षाओं और जरूरतों पर निर्भर करता है। यदि यह पार्टी अपने उद्देश्यों में सफल होती है, तो यह न केवल क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, बल्कि एक नए राज्य का गठन भी संभव हो सकता है।

पश्चिमांचल निर्माण पार्टी की बैठक ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास की अनदेखी और विभाजन की मांग को प्रमुखता से उठाया है। छोटे राज्य के फायदे स्पष्ट हैं, और पश्चिमांचल राज्य का गठन इस क्षेत्र की समस्याओं का समाधान हो सकता है। इस दिशा में पार्टी की रणनीति और कार्य योजना के सफल क्रियान्वयन से पश्चिमी यूपी के लोगों को नया रास्ता मिल सकता है।



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