दरभंगा जंक्शन से अमृतसर को जाने वाली 15211 जननायक एक्सप्रेस में नेपाल के जिला पारस के निवासी 55 वर्षीय हरेंद्रराम की मौत हो गई। उनका शव ट्रेन की गैलरी में पड़ा मिला। कंट्रोल से सूचना आने पर जीआरपी ने शव को शाहजहांपुर के रोजा स्टेशन पर उतारा। यहां ट्रेन की दूसरी बोगी में सवार बेटा और बहू ने उनकी पहचान की।
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हरेंद्र राम नरकटियागंज से जालंधर जाने के लिए अपने पुत्र मुकेश और बहू श्रीपति देवी के साथ नरकटियागंज स्टेशन पर आए थे। रात करीब 12 बजे हरेंद्र ने तबीयत खराब होने की बात कही। उन्होंने यात्रा करने से इन्कार करते हुए घर जाने की जानकारी दी। इसके बाद बेटा-बहू ट्रेन में सवार हो गए। वहीं, हरेंद्र राम दूसरी बोगी में सवार हो गए। रास्ते में उनकी ट्रेन की बोगी की गैलरी में मौत हो गई। उनका शव शौचालय के पास पड़ा मिला।
यात्रियों ने गार्ड को सूचना दी। इसके बाद कंट्रोल के आदेश पर दोपहर 12:30 बजे रोजा में गाड़ी आने पर जीआरपी चौकी प्रभारी अभिषेक पांडेय पहुंचे। पुलिसकर्मियों ने शव को नीचे उतारा। अज्ञात शव मिलने की सूचना पर मुकेश और श्रीपति देवी भी ट्रेन से उतरकर देखने पहुंचे। वहां पिता का शव देखकर मुकेश बिलख पड़ा। इस बीच करीब दस मिनट तक ट्रेन खड़ी रही।
मैगलगंज से रोजा तक शव के साथ किया यात्रियों ने सफर
ट्रेन में शव पड़ा होने पर यात्रियों की नजर पड़ने पर मैगलगंज में ट्रेन मैनेजर को सूचना दी थी। उसके बाद कंट्रोल को जानकारी देकर मेमो दिया गया। इस बीच शव मैगलगंज से रोजा तक सफर करता रहा। हरेंद्र की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। इंस्पेक्टर रेहान अली ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की वजह साफ होगी।