अपर नगर आयुक्त मो. कमर का कहना है कि सॉफ्टवेयर अपडेट होने से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की गति धीमी हो गई है। पहले जहां 60 से 70 प्रमाणपत्र एक दिन में बन जाते थे तो अब करीब 20 बन पा रहे हैं।

कतार में लगे लोग
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नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोग छह-छह महीने से चक्कर काट रहे हैं। उन्हें तारीख पर तारीख मिल रही है। हाल ये है कि जन्म प्रमाणपत्र न बन जाने से जहां लोगों के बच्चों का स्कूल में एडमिशन नहीं हो पा रहा है। दूसरी तरफ, मृत्यु प्रमाणपत्र न बन पाने किसी का संपत्ति हस्तांतरण लटका हुआ है तो किसी को बीमा का पैसा नहीं मिल पा रहा है। इससे लोग परेशान हैं। बार-बार निगम की दौड़भाग करने से उनका पैसा भी खर्च हो रहा है।
हर बार लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। वहीं, अपर नगर आयुक्त मो. कमर का कहना है कि सॉफ्टवेयर अपडेट होने से जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने की गति धीमी हो गई है। पहले जहां 60 से 70 प्रमाणपत्र एक दिन में बन जाते थे तो अब करीब 20 बन पा रहे हैं। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि छह-छह महीने तक प्रमाणपत्र लंबित होना संभव नहीं है। अगर आवेदक ने सभी प्रक्रिया पूरी की है और स्टाफ लापरवाही बरत रहा है तो कार्रवाई की जाएगी।