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राशन दुकानों से किया जाएगा अनाज वितरण, फोटो : सोशल मीडिया

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घर में एसी लगी है। महंगी कार भी है। टैक्स भी भर रहे हैं। फिर भी गरीबों का राशन डकार रहे हैं। शासन ने ऐसे करीब 28 हजार राशनकार्ड धारकों की सूची भेजी है। जिन्होंने आयकर दाखिल किया है और वह सरकार से मुफ्त राशन भी ले रहे हैं। शासन ने इन्हें संभावित अपात्र माना है। जिला पूर्ति विभाग ने सूची के आधार पर सत्यापन कराना शुरू कर दिया है।

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जिले में कुल छह लाख पांच हजार राशनकार्ड हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत हर महीने सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों पर निशुल्क खाद्यान्न वितरण किया जाता है। गरीबों की आड़ में कुछ अमीर लोग भी सरकारी राशन ले रहे हैं। 

इसका पता तब चला तब जिला पूर्ति विभाग के पास शासन से अपात्रों की सूची आई। सूची के मुताबिक करीब 28 हजार लोग हैं जो आयकर भी जमा करते हैं और सरकारी राशन भी लेते हैं। जिला पूर्ति अधिकारी केबी सिंह ने बताया कि शासन से आई सूची संभावित अपात्रों की है। हमने टीम बनाकर सत्यापन का काम शुरू कर दिया है। सत्यापन पूरा होने के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

नौकरों के नाम बनवा लिया राशन कार्ड

सूत्रों के मुताबिक जांच में कुछ ऐसे नाम भी आएं हैं जो महंगी गाड़ियों से चल रहे हैं और बंगले में रह रहे हैं। लेकिन, उन्होंने अपने नौकरों के नाम से भी राशन कार्ड बनवा रखा है। इसके अलावा कुछ ऐसी महिलाएं भी हैं जो विधवा पेंशन भी ले रहीं हैं और राशन कार्ड में पति के नाम से राशन भी ले रही हैं।



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