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Pilibhit encounter
– फोटो : अमर उजाला
पीलीभीत में मुठभेड़ में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के तीनों आतंकी 25 घंटे तक हरजी होटल में रुकने के दौरान बीच में करीब तीन घंटे गायब भी रहे थे। बाद में छिपते-छिपाते दोबारा होटल पहुंचे थे। फिर देर रात होटल से चले गए थे। आतंकी इन तीन घंटों में कहां रहे और किससे मिले? पुलिस इसकी पड़ताल में जुटी है। तीनों आतंकी 20 दिसंबर की शाम करीब आठ बजे पूरनपुर के हरजी होटल में पहुंचे थे। होटल के सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में आतंकियों के साथ दो मददगार भी दिखे थे।
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होटल हरजी में जांच के लिए पहुंची पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
21 दिसंबर को होटल में रुके थे आतंकी
पुलिस इन्हीं मददगारों में एक गांव गजरौला जप्ती के जसपाल उर्फ सनी को जेल भेज चुकी है, जबकि पूछताछ के बाद गांव के ही दीपक को छोड़ दिया गया है। तीनों आतंकी 21 दिसंबर की रात 9:40 बजे तक होटल में रुके थे। पुलिस और एजेंसियां अब होटल में रुकने के बीच आतंकियों के बाहर के मूवमेंट का पता लगाने में जुटी हैं। इसीलिए शहर भर में अलग-अलग पूछताछ कर जानकारी हासिल की जा रही है।
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Pilibhit Encounter: आरोपियों से बरामद हुईं एके-47 और कारतूस
– फोटो : यूपी पुलिस
कहां रखे थे हथियार, हो रही जांच
मुठभेड़ में आतंकियों के पास से पुलिस ने दो मॉडिफाइड एके-47, दो विदेशी ग्लॉक पिस्टल, नकदी और अन्य सामान बरामद किया था। वहीं होटल हरजी के सीसीटीवी फुटेज में आतंकी खाली हाथ नजर आए थे। आतंकियों ने हथियार कहां छिपाए थे? किस मददगार ने इसमें मदद की? हथियार कहां से लाए गए थे? पुलिस इसकी जांच में जुटी है। एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि आतंकियों के होटल में रुकने के दौरान बाहर किए गए मूवमेंट के बारे में जानकारी की जा रही है।
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वीरेंद्र सिंह, गुरविंदर सिंह और जसन प्रीत सिंह के फाइल फोटो
– फोटो : यूपी पुलिस
तराई से पंजाब तक बेरोकटोक निजी बसों का संचालन
पीलीभीत में मारे गए खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादियों के पूरनपुर तक बस में आने की बात सामने आ रही है। तराई में कई जगह से पंजाब तक जाने वाली बसों में संदिग्धों के आने-जाने पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। इससे ये बसें असामाजिक तत्वों की पसंद बनी हुई हैं। तराई के कई स्थानों से रोजाना एक दर्जन से अधिक बसें पंजाब के अलग-अलग शहरों के लिए जाती हैं।
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होटल मे जांच के लिए पहुंची पुलिस
– फोटो : अमर उजाला
खुटार से कई बसें पंजाब के लिए निकलती हैं, जो लखीमपुर, बहराइच, बाराबंकी, पीलीभीत आदि कई स्थानों से निकलती हैं। तराई के सिखों की तमाम रिश्तेदारियां पंजाब में हैं। बसों के अलावा कोई संसाधन न होने से लोग इनमें एडवांस में टिकट बुक करा लेते हैं। इसके लिए तमाम कस्बों में बुकिंग काउंटर खुले हुए हैं। अधिकतर बसें एसी व स्लीपर की सुविधा से युक्त हैं।