कुलबीर सिंह सिद्धू कोरोना काल में गांव गजरौला जप्ती के पूर्व प्रधान के पुत्र और मौजूदा प्रधान के घर में रुका था। प्रधान का देवर कोरोना काल से पहले दिल्ली एयरपोर्ट पर काम करता था। तभी उसकी सिद्धू से जान-पहचान हुई। गांव वालों के अनुसार सिद्धू अपनी कार से गांव गजरौला जप्ती आकर प्रधान के घर रुका था। उसने गांव और आसपास के युवकों से पहचान बढ़ाकर पूरी टीम बना ली। युवकों के साथ वह रोजाना क्रिकेट खेलता था। इसके अलावा गांव के आसपास युवकों की टोली बनाकर विदेश भिजवाने की बात कहता था। उन्हें सपने दिखाता था।
जसपाल उर्फ सनी के रहन-सहन में आया काफी बदलाव
बताते हैं कि कुलबीर सिंह सिद्धू के संपर्क में आने के बाद जसपाल सिंह सनी का रहन-सहन बदल गया। बेरोजगार होने के बाद भी उसने डेढ़ साल पहले बुलेट बाइक खरीदी थी। पखवाड़े भर पहले उसने करीब डेढ़ लाख रुपये कीमत का मोबाइल खरीद लिया था। घर की मरम्मत पर भी उसने खासा खर्चा किया था। ट्रैक्टर भी मॉडीफाई कराया। उसका बदला रहन-सहन गांव में चर्चा का विषय बना था। सनी के पिता के पास करीब डेढ़ एकड़ जमीन है। अपने बड़े पुत्र मेजर सिंह को ढाई साल पहले इंग्लैंड भेजने पर पिता ने जमीन गिरवीं रखी थी। जिसे बाद में छुड़ा लिया गया था।
पोस्टर फाड़ने पर हुए विवाद में युवक से भिड़ गया था सिद्धू
विधायकी के चुनाव के प्रचार में गांव के समीप भाजपा नेता के पोस्टर लगाए गए थे। प्रधान का परिवार सपा प्रत्याशी का समर्थक रहा। प्रधान के देवर ने भाजपा प्रत्याशी का पोस्टर फाड़ दिया था। तब प्रधान के देवर का गांव निवासी जसवंत सिंह से विवाद हो गया था। तब कुलवीर सिंह सिद्धू ने मौके पर पहुंचकर जसवंत पर रौब दिखाते हुए उसे खरी-खोटी सुनाई थी।