अमर उजाला ब्यूरो
ललितपुर। मुख्य मार्ग से गांवों को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग समय पर मरम्मत न होने से चलने लायक नहीं बचे हैं। इन मार्गों पर कदम-कदम पर गड्ढे हैं। चार पहिया तो दूर दो पहिया वाहन भी ठीक से नहीं चल पा रहे हैं। यहां तक कि ट्रैक्टर ट्रॉली निकलने में भी कठिनाई आ रही है। कई बार गड्ढों के चलते ट्रैक्टर-ट्रॉली पलट भी जाती है। हैरत की बात यह कि आठ माह पहले जिन सड़कों को गड्ढामुक्त कराया गया था, वह फिर गड्ढायुक्त हो गई हैं। शहर के सिद्दन रोड स्थित नई तहसील तिराहा पर सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। पेश है कुछ सड़कों की हकीकत दर्शाती रिपोर्ट…।
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सिद्दन रोड पर गहरे गड्ढे, अफसर करते नजरंदाज
शहर के सिद्दन रोड स्थित नई तहसील जाने वाले तिराहे पर गहरा गड्ढा होने के कारण उसमें पानी भरा रहता है। इस मार्ग से निकलने वाले दो पहिया वाहन चालकों को काफी परेशानी हो रही है। इसी सड़क से अधिकारी तहसील जाते हैं, लेकिन गड्ढों पर इनकी नजर नहीं पड़ती। इसी मार्ग से केंद्रीय विद्यालय, राजकीय आईटीआई, जिला संप्रेक्षण गृह सहित कई स्कूलों के बच्चों के वाहनों का आवागमन होता है।
खस्ताहाल छपरट-पठा मार्ग
सिलावन। ललितपुर-महरौनी मार्ग को नाराहट से जोड़ने वाला छपरट-पठा मार्ग खस्ताहाल है। छपरट, गगनियां, दिगवार, चौकी, गुंदरापुर, बैजनाथ व पठा के ग्रामीणों का कहना है कि यह मार्ग नाराहट सहित राष्ट्रीय राजमार्ग को भी जोड़ता है, जिस वजह से यह सड़क आवागमन की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है।
मरम्मत के अभाव में दम तोड़ चुका बैजनाथ-संपर्क मार्ग
सिलावन। पठा-सिंदवाहा मार्ग से बैजनाथ गांव को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग मरम्मत के अभाव में दम तोड़ चुका है। यहां के लोगों ने बताया कि बैजनाथ गांव को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की लंबाई डेढ़ किमी है। इसकी मरम्मत नहीं होने से मार्ग जर्जर स्थिति में पहुंच गया है। वाहनों से उछलने वाली गिट्टी पैदल चालकों को चोटिल कर रही है।
काली मिट्टी से भर दिए गए गड्ढे
डोंगराखुर्द। नाराहट-जामनी बांध सड़क से प्रतिदिन सैकड़ों वाहन निकलते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि सड़क के गड्ढों को भरने में काली मिट्टी का प्रयोग किया गया, जिस कारण आठ माह में ही फिर गड्ढे हो गए। इस क्षेत्र की मुख्य सड़क होने के कारण कई गांवों के लोग व वाहन इसी सड़क से निकलते हैं। डोंगराखुर्द से गुढ़ा खिरिया, डोंगराखुर्द से गदोरा, गदनपुर से बमराना व डोंगराखुर्द से बरेजा सहित कई सड़कों पर गड्ढे ही गड्ढे हैं।