पंचनद न्यूज़ से विजय द्विवेदी

ग्राम पंचायत गुढ़ा
ग्राम पंचायत गुढ़ा

(उरईजालौन)जगम्मनपुर ,जालौन बेसिक शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण विकासखंड रामपुरा के ग्राम गुढ़ा में राष्ट्र के भविष्य बच्चों की शिक्षा की जमकर दुर्दशा की जा रही है।विकासखंड रामपुरा अंतर्गत ग्राम पंचायत गुढ़ा में प्राथमिक विद्यालय एवं जूनियर हाई स्कूल संचालित हैं जिसमें क्रमशः 34 छात्र छात्राएं व 27 छात्र छात्राएं शिक्षा शिक्षारत है। इन दोनों विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को सुशिक्षित करने के लिए प्राथमिक विद्यालय में दो शिक्षक एवं एक शिक्षामित्र है वही जूनियर हाई स्कूल में दो शिक्षक यमुना तट पर अति पिछडे गुढ़ा गांव के बच्चों को दीक्षित कर रहे हैं। लेकिन हकीकत इससे एकदम विपरीत है । जूनियर हाई स्कूल का भवन जीर्णशीर्ण होने के कारण नए भवन के निर्माण की आवश्यकता हुई इसके लिए जगह उपलब्ध न हो पाने के कारण प्राथमिक विद्यालय भवन को तुड़वाकर संयुक्त विद्यालय बनवाने का निर्णय लिया गया और इस निर्णय को अमली जामा पहनाते हुए शिक्षा विभाग ने प्राथमिक विद्यालय के भवन को ध्वस्त करवाकर दोनों विद्यालयों की आठ कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को पंचायत भवन के एक छोटे से कमरे में अध्ययन के लिए शिफ्ट करवा दिया गया। पंचायत के एक छोटे कमरे में पांच शिक्षक एवं उनकी कुर्सियां दो विद्यालयों के रिकॉर्ड रखे जाने की अलमारियां कुछ अतिरिक्त कुर्सियां व इसके अतिरिक्त तमाम अगड़म बगड़म सामान से भरे कमरे में आठ कक्षाओं के शोर मचाते चिल्लाते छात्र-छात्राओं की गचर-पचर उनके बीच पढ़ाने का असफल प्रयास करते शिक्षको को बैठा देख किसी भी समझदार इंसान को अपना सिर पीट लेने का मन हो बैठेगा।कल्पना करो कि आठ कक्षाओं के संयुक्त रूप में बैठे बच्चों को कौन क्या पढ़ा रहा होगा और कौन पढ़ रहा होगा।यह व्यवस्था बच्चों के भविष्य के साथ खुला खिलवाड़ है। संचालित विद्यालय पंचायत भवन कक्ष के सामने विद्यालय भवन का निर्माण हो रहा है । ग्रामीणों के अनुसार इस विद्यालय भवन का निर्माण अप्रैल माह 2023 के पूर्व से ही प्रारंभ हो गया था लेकिन 6 माह बीत जाने के बावजूद अभी तक इसकी आधी अधूरी दीवारें ही बन पाई हैं और ठेकेदार काम बंद करके अपने घर वापस लौट गए हैं । इस संदर्भ में ठेकेदार अजीत सिंह चौहान लखनऊ से मोबाइल दूरभाष पर वार्ता की गई तो उन्होंने बताया कि किसी काम को करने के लिए जेब से धन खर्च करने की एक सीमा होती है। उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा कराए गए निर्माण कार्य में अब तक लगभग 25 लाख रुपया गांठ से खर्च हो चुका है लेकिन विभाग द्वारा अभी तक के किए गए काम का भुगतान न होने से धनाभाव में निर्माण कार्य ठप पड़ा है। आश्चर्यजनक यह है कि जब विद्यालय भवन निर्माण हेतु टेंडर हुए और काम भी प्रारंभ हो चुका तो शिक्षा विभाग द्वारा भुगतान क्यों नहीं किया जा रहा है । यदि ठेकेदार का कथन सत्य है तो विद्यालय भवन निर्माण की उत्तरदाई संस्था द्वारा भुगतान ना करने में भ्रष्टाचार की गंध आ रही है।

By Parvat Singh Badal (Bureau Chief Jalaun)✍️

A2Z NEWS UP Parvat singh badal (Bureau Chief) Jalaun ✍🏻 खबर वहीं जों सत्य हो

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