
मृतक युवक अमिता
– फोटो : फाइल फोटो
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करीब एक सप्ताह पहले हाथरस के गांव खेरिया में मिले जिस शव को पुलिस ने मुस्लिम युवक का नाम दफनाया था, वह हिंदू युवक का निकला। परिजनों ने फोटो के आधार पर उसकी पहचान की और शहर के मुरसान गेट स्थित कब्रिस्तान पर पहुंच गए। ये अंत्येष्टि के लिए शव को कब्र से निकलवाने की मांग करने लगे। सूचना पर दोनों समुदाय के लोग वहां पहुंच गए।
विगत 23 फरवरी को क्षेत्र के गांव खेरिया में करब के झुंड में एक युवक का शव मिला था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद उसे दफना दिया था। अब बृहस्पतिवार शाम तो लावनी जिला ओजई असोम के रहने वाले मुन्ना और उसके भाई अमित पुलिस के पास पहुंचे। उन्होंने बताया कि जिस शव को पुलिस ने दफनाया है, वह उनका भाई अमिता (40) पुत्र रामविलास था और हम हिंदू हैं। उन्होंने बताया कि स्टेशन पर किसी ने उनको उनके भाई का फोटो दिखाया था इसलिए भाई को खोजते हुए यहां तक पहुंचे हैं। उन्होंने शव कब्र से निकलवाकर हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंत्येष्टि करने के शव कब्र से निकलवाने की मांग की है।
पुलिस का दावा, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आई थी खतना करने की बात
पुलिस का कहना है कि खेरिया गांव के प्रधान सर्वेश कुमार ने सूचना दी थी कि दो-तीन दिन से एक युवक इधर-उधर घूम रहा था, अब उसका शव लाइन पार एक चकरोड पर करब के झुंड में पड़ा है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम गृह में 72 घंटे तक पहचान के लिए रखवा दिया था। सीओ सादाबाद गोपाल सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खतना होने की बात सामने आने पर पुलिस ने उसके शव को एक सामाजिक संगठन की मदद से दफना दिया था। अब उसके परिजना आ गए हैं तो उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
ट्रेन से दिल्ली जा रहा था मरने वाला युवक
मुन्ना और अमित ने बताया कि उनका भाई अमिता गत 18 फरवरी दिल्ली अपनी पत्नी को लेने के लिए अलीपुर से ट्रेन में सवार हुआ था। 20 फरवरी तक उनकी भाई से मोबाइल फोन पर बात हुई थी, लेकिन उसके बाद से संपर्क नहीं हुआ और मोबाइल फोन बंद आ रहा था। पहले स्टेशन पर जानकारी हुई और उसके बाद 29 फरवरी की शाम को कोतवाली सहपऊ पहुंचे। तब उनके भाई के बारे में पता चला। अब वह खेरिया गांव में कैसे पहुंचे इसका पता नहीं चल पा रहा है।